मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद(Mathura Shri Krishna birthplace dispute) को लेकर मथुरा जिला न्यायालय से इलाहाबाद उच्च न्यायालय(Allahabad High Court) में सुनवाई के लिए स्थानांतरित 18 सिविल वादों में से 17 वादों की सुनवाई की गई। एक वाद में कोर्ट कमिश्नर भेजने तथा प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट(Places of Worship Act) के तहत वाद की पोषणीयता की आपत्ति पर लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति मयंक जैन ने बारी-बारी से मुकदमों की सुनवाई की। पक्षकारों की तरफ से अर्जियां व हलफनामे दाखिल किए गए। किसी ने पक्षकार बनाने तो किसी ने संशोधन अर्जी दी। कोर्ट ने विपक्षियों को सिविल वाद व अर्जियों पर जवाब दाखिल करने का समय दिया। श्रीकृष्ण जन्म भूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी को पक्षकार बनाया गया है।
पक्षकारों ने ली जानकारी
4 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सभी 17 सिविल वादों में कौन-कौन पक्षकार उपस्थित हुआ है, इसकी जानकारी ली और उनके वाद पर सुन्नी वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी(Sunni Central Waqf Board and Shahi Idgah Arrangement Committee) से जवाब दाखिल करने को कहा है। हालांकि, कहा गया कि एक सिविल वाद जन्मभूमि से संबंधित नहीं है। गलती से स्थानांतरित होकर आया है। सुन्नी वक्फ बोर्ड सिविल वाद संख्या तीन, 17 और 18 में पक्षकार नहीं है। 17 मामलों की सुनवाई की गई। पक्षकारों की ओर से हलफनामे दायर किए गए। फिलहाल अभी सुनवाई को कोई तारीख तय नहीं है। आदेश आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र ने कराया था मथुरा मंदिर का निर्माण
एक पक्षकार ने मंदिर का ऐतिहासिक व पौराणिक पक्ष रखते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण( के पौत्र ने मथुरा मंदिर का निर्माण कराया था। मंदिर के लिए जमीन दान में मिली। इसलिए जमीन के स्वामित्व का कोई विवाद नहीं है। मंदिर तोड़कर शाही मस्जिद बनाने का विवाद है। राजस्व अभिलेखों में जमीन अभी भी कटरा केशव देव के धाम दर्ज है। कोर्ट ने तथ्य हलफनामे में दाखिल करने को कहा।
हाईकोर्ट में दायर की गई है याचिका
मालूम हो कि, हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की गई कि श्रीराम जन्मभूमि(Shri Ram Janmabhoomi) की तर्ज पर मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर मथुरा जिला अदालत में विचाराधीन सभी सिविल वादों की हाईकोर्ट में सुनवाई की जाये। जिस पर न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र ने याचिका स्वीकार करते हुए मथुरा में विचाराधीन सभी वादों की सुनवाई हाईकोर्ट में किए जाने का आदेश दिया और जिला जज मथुरा को सभी मुकद्दमों को हाईकोर्ट स्थानांतरित करने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। उसके बाद सभी सिविल वादों की सुनवाई की जा रही है।
18 मुकदमों की सुनवाई
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, ठाकुर केशव देवजी महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशव देव, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट, गोपाल गिरी महाराज, भगवान बाल श्रीकृष्ण विराजमान ठाकुर केशव देव जी महाराज, श्रीभगवान श्रीकृष्ण लाला विराजमान, ठाकुर केशव देवदी महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशवदेव मथुरा, भगवान श्रीबाल कृष्ण केशव देव विराजमान खेवट संख्या 255 सहित कुल 18 मुकदमों की हाईकोर्ट में सीधे सुनवाई की जा रही है।