Heatwave: ‘हीटवेव को ‘राष्ट्रीय आपदा’ घोषित करने की आवश्यकता’- राजस्थान उच्च न्यायालय

राजस्थान सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक चल रही भीषण गर्मी के कारण पांच लोगों की मौत हो चुकी है।

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Heatwave: राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) ने 30 मई (गुरुवार) को राज्य में भीषण गर्मी और लू के कारण हुई मौतों पर स्वतः संज्ञान लिया और कहा कि लू और हीटवेव को “राष्ट्रीय आपदा” (national calamities) घोषित करने की आवश्यकता है।

राजस्थान सरकार के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में अब तक चल रही भीषण गर्मी के कारण पांच लोगों की मौत (five people died) हो चुकी है। न्यायालय ने कहा कि हीटस्ट्रोक के कारण मौतों में वृद्धि के बारे में मीडिया में आ रही खबरें “तथ्यों से परे” हैं।

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राष्ट्रीय आपदा घोषित
न्यायमूर्ति अनूप कुमार ढांड की एकल पीठ ने कहा कि अब समय आ गया है कि गर्मी और शीतलहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए। उन्होंने राज्य सरकार को हीटवेव के कारण मरने वाले लोगों के आश्रितों को मुआवजा देने का आदेश दिया। साथ ही राज्य के मुख्य सचिव को राजस्थान जलवायु परिवर्तन परियोजना के तहत तैयार की गई ‘हीट एक्शन प्लान’ के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तत्काल और उचित कदम उठाने के लिए विभिन्न विभागों की समितियों का गठन करने का निर्देश दिया।

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बड़ी संख्या में मौत
अदालत ने कहा, “देश भर में भीषण गर्मी और हीटवेव के कारण बड़ी संख्या में मौतों को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (संक्षेप में “एनडीएमए”) ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। गर्मी और शीत लहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की आवश्यकता है।” जलवायु परिवर्तन के संबंध में अधिकारियों के कदमों और कार्य योजनाओं का उल्लेख करते हुए अदालत ने कहा कि ऐसी कार्य योजनाओं के मसौदे बनाने के बावजूद कल्याणकारी राज्य ऐसी भीषण गर्मी की स्थिति से आम जनता को बचाने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठा रहा है।

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12 बजे से 3 बजे के बीच आराम
न्यायालय ने सरकार के लिए कई दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनमें गर्मी को कम करने के लिए अधिक लोगों की आवाजाही वाली सड़कों पर पानी का छिड़काव करना, जहाँ आवश्यक हो वहाँ ट्रैफ़िक सिग्नल पर ठंडी जगह और छाया प्रदान करना, हीटवेव रोगियों के उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्रों पर सभी संभव सुविधाएँ सुनिश्चित करना और कुलियों, ठेले-रिक्शा चालकों सहित खुले में काम करने वाले सभी श्रमिकों के लिए सलाह जारी करना शामिल है, ताकि अत्यधिक गर्मी की स्थिति में उन्हें दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच आराम करने की अनुमति मिल सके। ये उपाय हीटवेव के कारण होने वाली मौतों और स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।

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