हिंदू जनजागृति समिति का ‘हलाल मुक्त दिवाली’ अभियान, मैकडोनाल्ड और पिज्जा हट दुकानों पर प्रदर्शन

हलाल पंजीयन इस्लामी अर्थ व्यवस्था का संचालन है। जिस प्रकार विश्व में अमेरिकी डॉलर में सभी क्रय विक्रय करना सर्वमान्य करते हुए एक अमेरिकी प्रधानता वाली अर्थव्यवस्था चल रही है, उसी प्रकार हलाल संचालित अर्थव्यवस्था को उसी रूप में अनिवार्य करने का बड़ा षड्यंत्र चल रहा है।

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देश की 15 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या की हलाल खाने की इच्छापूर्ति के लिए 80 प्रतिशत हिंदू समाज को मैकडोनाल्ड, केएफसी, बर्गरकिंग और पिज्जा हट हलाल का उत्पाद खिला रहे हैं। यह सभी गैर मुस्लिम समाज की आस्थाओं से खिलवाड़ और अन्याय है, जिसके विरुद्ध हिंदू जनजागृति समिति ने हलाल मुक्त दिवाली अभियान शुरू किया है। इस अभियान के अंतर्गत हलाल खिलानेवाली सभी दुकानों के बाहर प्रदर्शन किया गया। इस अभियान में देश के अधिकतर हिंदूत्व निष्ठ संगठनों ने साथ दिया।

हलाल मुक्त मनाएं दिवाली
पिजा, बर्गर कंपनियों ने सौ प्रतिशत हलाल प्रमाणित उत्पाद बेचने की घोषणा की है। ऐसी स्थिति में गैर इस्लामी और हिंदू समाज के ग्राहकों को हलाल प्रमाणित खाद्य पदार्थ खिलाना उनकी धार्मिक स्वतंत्रता पर आघात है। इसे समझते हुए हिंदू जनजागृति समिति ने दीपावली के अवसर पर हलाल मुक्त उत्पादों और खाद्य पदार्थों के सेवन व उपयोग का आह्वान किया है।

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क्या है हलाल?
इस्लाम में जानवरों के वध के समय कलमा पढ़ते हुए गले की सभी नसों को काटा जाता है। इसके बाद उसके रक्त को पूरा निकलने दिया जाता है। कलमा न पढ़ते हुए निर्मित उत्पाद या खाद्य पदार्थ और रक्त युक्त मांस इस्लाम में हराम है। मांस को लेकर शुरू की गई हलाल प्रक्रिया अब सभी उत्पादों पर लागू कर दी गई है। इसलिए इस्लाम धर्मावलंबी सभी उत्पादों के निर्माण में इसे अपनाते हैं, इसे पांच इस्लामी संस्थाएं प्रमाणित करते हुए चिन्ह आबंटित करती हैं। हलाल प्रमाणन सरकार द्वारा वैध नहीं माना गया है। इसके साथ ही हिंदू और गैर इस्लामी लोगों की धार्मिक भावनाओं पर यह आघात भी है। जो इस्लामी अल्लाह को समर्पित कर दिया गया हो, वह हिंदू धर्म में प्रसाद कहा जाता है, ऐसी परिस्थिति में पैसे देकर किसी दूसरे धर्म की रीतियों और नबी का प्रसाद जबरदस्ती बेचना अपराध से कम नहीं है।

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