बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में 18 जनवरी से हिंदू स्टडीज कोर्स की शुरुआत कर दी गई है। बीएचयू देश का पहला विश्वविदयालय बन गया है, जहां हिंदू स्टडीज में मास्टर डिग्री का अध्ययन कराया जा रहा है। भारत अध्ययन केंद्र के संयोजक प्रो. सदाशिव द्विवेदी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस कोर्स के लिए भारत के साथ ही विदेशों के कुल 46 छात्रों ने नामांकन कराया है।
प्रो. द्विवेदी ने बताया कि इसकी कक्षा 19 जनवरी से शुरू हो गई है। 21 जनवरी तक इसमें प्रारंभिक जानकारियों का आदान-प्रदान किया जाएगा। उसके बाद 25 जनवरी से साप्ताहिक कार्यक्रम चलाया जाएगा।
M.A. in #HinduStudies gets underway with first batch of 45 students in the ongoing academic session. The course will be conducted at Bharat Adhyayan Kendra in collaboration with 3 departments of @DeanArtsBHU, #BanarasHinduUniversity. @VCofficeBHU @MinOfCultureGoI @EduMinOfIndia pic.twitter.com/1PJtIo2qvB
— BHU Official (@bhupro) January 18, 2022
वर्चुअली उद्घाटन
कोरोना संक्रमण के कारण इस कोर्स का उद्घाटन वर्चुअली किया गया। इस कोर्स में हिंदू धर्म की पुरातन विद्या और धर्म विज्ञान का भी अध्ययन कराया जाएगा। उद्घाटन कार्यक्रम में लोक गायिका और भारत अध्ययन केंद्र की चेयर प्रोफेसर मालिनी अवस्थी, बीएचयू के रेक्टर प्रोफेसर वीके शुक्ल, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के क्षेत्रीय निदेशक प्रोफेसर विजय कुमार शुक्ल और शताब्दी पीठ के आचार्य प्रोफेसर कमलेश दत्त शामिल हुए। कोर्स के संयोजक प्रो. श्रीप्रकाश पांडेय और भारत अध्ययन केंद्र के संयोजक प्रो. सदाशिव द्विवेदी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इन विषयो का कराया जाएगा अध्ययन
- दर्शन शास्त्र विभाग हिंदुत्व का लक्ष्य,आधार और रुपरेखा, तो संस्कृति विभाग स्थापत्य कला और उत्खनन से मिले प्रमाणों को विश्लेषण करेगा।
- संस्कृत विभाग के आचार्य श्लोक, शास्त्रों और प्राचीन साहित्यों में छिपे काम की बातों का अध्ययन कराएंगे। साथ ही
भारत अध्ययन केंद्र हिंदू रीती-रिवाज और आध्यात्मिक विज्ञान पर केंद्रित विषयों का भी अध्ययन कराएगा। - भारत अध्ययन केंद्र बताएगा कि वैदिक युग में तत्व विज्ञान, प्राचीन युद्ध कौशल, सैन्य-विज्ञान किस तरह उन्नति कर रही थी।
- इसके साथ ही रामायण,महाभारत, ज्ञान मीमांसा, नाट्यकला, भाषा विज्ञान, कालिदास, तुलसीदास, आर्य समाज, बुद्ध, जैन और स्वामी विवेकानंद के बताए रास्तों से छात्रों को अवगत कराया जाएगा।