22 जुलाई का इतिहासः राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को मिली थी स्वीकृति

वर्ष 2016 में 22 जुलाई से तिरंगे का सार्वजनिक रूप से जन्मदिन मनाना आरम्भ किया गया है।

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वर्ष 1947 में 22 जुलाई के ही दिन तिरंगे का वर्तमान स्वरूप राष्ट्रध्वज के रूप में स्वीकृत हुआ था। इस कारण इसे ही तिरंगे का जन्मदिन समझा जाता है। वर्ष 2016 में 22 जुलाई से तिरंगे का सार्वजनिक रूप से जन्मदिन मनाना आरम्भ किया गया है। आस्थाग्राम व खरगोन शहर द्वारा की गई पहल को परम्परा बनाते हुए हर वर्ष 22 जुलाई को आस्थाग्रमा व सहायोगी संस्थाओं द्वारा तिरंगे का जन्मदिन मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष सार्वजनिक कार्यक्रम में 222 दीपों का दीप यज्ञ, ऑर्केस्ट्रा पर देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति के साथ हर वर्ष अलग-अलग कार्यक्रम शहर के राधावल्लभ मार्केट के फव्वारा चौक पर आयोजित किए जाते हैं।

इस तरह है कार्यक्रम का रुपरेखा
जनसम्पर्क अधिकारी पुष्पेन्द्र वास्कले ने बताया कि तिरंगे का सार्वजनिक कार्यक्रम शाम 7 बजे बाल शिक्षा निकेतन तिलपथ पर आयोजित होगा। आयोजित कार्यक्रम में शाम 7 बजे अतिथियों का आगमन, परिचय एवं शब्दिक स्वागत होगा। इसके पश्चात शाम 7.10 से 7.20 बजे तक तिरंगे का जन्म दिवस एवं कार्यक्रम की जानकारी दी जाएगी। तत्पश्चात सामूहिक जन्मदिवस कार्यक्रम में तिलक, उपहार, बधाई गीत, तिरंग सम्मान की शपथ दिलाई जाएगी। दीपयज्ञ शाम 7.40 से 7.55 तक एवं 8 बजे से 9 बजे तक प्रीति किल्लेदार द्वारा एकपात्रीय अभिनय, एक वीरागंना-रानी लक्ष्मी बाई की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके बाद स्मृति चिन्ह भेंट, आभार एवं स्वाल्पाहार कराया जाएगा।

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