यमुना में मूर्तियों के विसर्जन को लेकर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने दिशा-निर्देश जारी किया है। समिति ने इस दिशा-निर्देश में कहा है कि यमुना में मूर्ति विसर्जन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति में इस्तेमाल होने वाले रंग और प्लास्टर ऑफ पेरिस यमुना के पानी को प्रदूषित कर देते हैं। इसके साथ ही इससे उसमें पलने वाले जीव-जंतु को भी भारी नुकसान पहुंचता है।
ये हैं दिशा-निर्देश
दुर्गा पूजा को देखते हुए डीपीसीसी की ओर से यह दिशा-निर्देश जारी किया गया है। दिशा-निर्देश में कहा गया है कि यमुना में मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके साथ ही मूर्तिकारों से स्पष्ट तौर पर प्राकृतिक सामग्री का इस्तेमाल करने को कहा गया है। भक्तों और श्रद्धालुओं से स्थानीय स्तर पर तैयार कंटेनर में ही मूर्ति विसर्जन का आग्रह किया गया है।
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आदेश के उल्लंघन करने पर भरना पड़ेगा जुर्माना
डीपीसीसी ने पुलिस को भी इस संबंध में सतर्क रहने को कहा है, ताकि नदी या जलाशय में विसर्जन के लिए ले जाई जा रही मूर्तियों को रोका जा सके। इस नियम को तोड़ने वालों को 50 हजार तक जुर्माना भरना पड़ सकता है।