बैंक ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर है। मोदी सरकार के कैबिनेट में लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार अगर कोई बैंक डूबता है या फिर आरबीआई बैंक का लाइसेंस रद्द किया जाता है, तो खाताधारकों या अन्य तरह के ग्राहकों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। बैंक के ग्राहकों को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत 90 दिन में 5 लाख तक की बीमा राशि मिल जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बैठक में 28 जुलाई को एक्ट में बदलाव को मंजूरी दे दी है।
वित्त मंत्री ने दी जानकारी
इस बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक्ट में बदलाव के बाद उन ग्राहकों को राहत मिलेगी, जिनके पैसे किसी न किसी कारण फंसे हुए हैं। बीमा की रकम पहले एक लाख रुपए थी लेकिन वर्ष 2020 में सरकार ने डिपॉजिट इंश्योरेंस की सीमा 5 गुना बढ़ाने का निर्णय लिया था। उसके बाद अब बीमा मिलने की समय सीमा भी निर्धारित कर दी गई है। इस विधेयक के कानून बन जाने के बाद विभिन्न बैंकों के लाखों जमाकर्ताओं को राहत मिल गई है।
पीएम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आरबीआई अगर किसी बैंक पर मोरेटोरियम लगाती है, तो लोगों के पैसे पाने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। इसके लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन का गठन किया गया था। अब कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि 90 दिन के भीतर जमाकर्ताओं को पांच लाख रुपए तक की रकम वापस मिलेगी।