प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 मई को कहा कि आज देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है। आजादी के 75 साल में हमारे सामने अगले 25 वर्षों के संकल्प हैं।
संतों की सराहना
प्रधानमंत्री मोदी ने उक्त बातें श्री गणपति सच्चिदानंद स्वामी जी के जन्मदिन समारोह के लिए जारी वीडियो संदेश में कहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम स्वामी जी का 80वां जन्मदिन ऐसे समय में मना रहे हैं, जब देश अपनी आजादी के 75 साल का पर्व मना रहा है। हमारे संतों ने हमेशा हमें स्व से ऊपर उठकर सर्वस्व के लिए काम करने की प्रेरणा दी है। आज देश भी हमें ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ सामूहिक संकल्पों का आवाहन कर रहा है। आज देश अपनी प्राचीनता को संरक्षित भी कर रहा है, संवर्धन भी कर रहा है और अपनी नवीनता को, आधुनिकता को ताकत भी दे रहा है। आज भारत की पहचान योग भी है, और यूथ भी है। आज हमारे स्टार्टअप्स को दुनिया अपने भविष्य के तौर पर देख रही है। हमारी इंडस्ट्री, हमारा ‘मेक इन इंडिया’ ग्लोबल ग्रोथ के लिए उम्मीद की किरण बन रहा है। हमें अपने इन संकल्पों के लिए लक्ष्य बनाकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हमारे आध्यात्मिक केंद्रों को इस दिशा में भी प्रेरणा के केंद्र बनना चाहिए।
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कुछ और भी संकल्प लेने की जरुरत
उन्होंने कहा कि दत्त पीठम के संकल्प आजादी के अमृत संकल्पों से जुड़ सकते हैं। उन्होंने प्रकृति के संरक्षण और पक्षियों की सेवा के लिए उनके कार्यों को असाधारण बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे चाहते हैं कि इस दिशा में कुछ और भी नए संकल्प लिए जाएं। उन्होंने जल संरक्षण, जल-स्रोतों, नदियों की सुरक्षा के लिए जनजागरुकता और बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने आजादी के अमृत महोत्सव में देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवरों के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि इन सरोवरों के रखरखाव और संवर्धन के लिए भी समाज को जोड़ना होगा।
प्रधानमंत्री ने दी जन्मदिन की शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री ने श्री गणपति सच्चिदानन्द स्वामी जी को 80वें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए उनके दीर्घायु होने की कामना की। उन्होंने कहा कि आज पूज्य संतों और विशिष्ट अतिथियों द्वारा आश्रम में ‘हनुमत् द्वार’ का लोकार्पण भी हुआ है। गुरुदेव दत्त ने जिस सामाजिक न्याय की प्रेरणा हमें दी है, उससे प्रेरित होकर आज एक और मंदिर का लोकार्पण भी हुआ है। उन्होंने कहा कि एक संत का जन्म, उसका जीवन केवल उसकी निजी यात्रा नहीं होती है, बल्कि उससे समाज के उत्थान और कल्याण की यात्रा भी जुड़ी होती है।
अध्यात्मिकता के साथ-साथ आधुनिकता का भी पोषण
दत्त पीठम के कार्यों पर संतोष व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां अध्यात्मिकता के साथ-साथ आधुनिकता का भी पोषण होता है। दत्त पीठम आज वेदों के अध्ययन का बड़ा केंद्र बन गया है। प्रकृति के लिए विज्ञान का ये उपयोग, आध्यात्मिकता के साथ टेक्नोलॉजी का ये समागम, यही तो गतिशील भारत की आत्मा है। स्वामी जी जैसे संतों के प्रयास से आज देश का युवा अपनी परम्पराओं के सामर्थ्य से परिचित हो रहा है, उन्हें आगे बढ़ा रहा है।