Independence Day: स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में मनाया गया स्वतंत्रता दिवस, बड़ी संख्या में मौजूद रहे सामान्य जन

पूरा देश 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न धूमधाम से मना रहा है। इसी कड़ी में स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक पर भी ध्वजारोहण किया गया।

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हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day Celebration) स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक (Swatantryaveer Savarkar Rashtriya Smarak) में मनाया गया। सुबह 8.30 बजे ध्वजारोहण (Flag Hoisting) किया गया। नौसेना अधिकारी (सेवानिवृत्त) विनायक पाटिल (Vinayak Patil) मुख्य अतिथि थे।

स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक में 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन बड़े धूमधाम से किया गया। सुबह 8.30 बजे ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर नौसेना अधिकारी (सेवानिवृत्त) विनायक पाटिल मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यवाह राजेंद्र वराडकर और सहकार्यवाह स्वप्निल सावरकर सहित बड़ी संख्या में सदस्य और सामान्य जन मौजूद थे। इस समारोह में बड़ी संख्या में देशभक्त और सावरकर प्रेमी मौजूद थे।

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आज हम एक छत के नीचे आजादी का जश्न मना रहे हैं
इस अवसर पर नौसेना अधिकारी (सेवानिवृत्त) विनायक पाटिल ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “आज के बच्चे हमारा भविष्य हैं। हमें कल की जिम्मेदारी उन्हें सौंपनी होगी। उनका मार्गदर्शन करना चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है। हमें अपने महान नेताओं की क्रांति के कारण ही आजादी मिली है। महान नेताओं की वजह से ही आज हम सब एक छत के नीचे आजादी का जश्न मना रहे हैं।”

वीर सावरकर का सर्वोच्च बलिदान सदैव याद रखा जाएगा
“हमारे पड़ोसी देशों में क्या हो रहा है? हमारे देश में क्या हो रहा है? हमें आने वाली पीढ़ी को हमारे सामने उठने वाले सवालों का जवाब देने के लिए तैयार करना चाहिए। देश में शून्य से स्वर्ग का निर्माण हुआ है। हमें उम्मीद नहीं थी कि स्वातंत्र्यवीर सावरकर का राष्ट्रीय स्मारक यहां खड़ा होगा। वीर सावरकर ने जेल में कई साल बिताए। नौसेना ने मुझे वहां जाने की अनुमति दी। जब भी मैं अंडमान जाता हूं, तो मैं वहां अधिकतम समय बिताता हूं। क्योंकि मैंने वीर सावरकर के जीवन को पढ़ा है, उनका सर्वोच्च बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा”।

दोषियों को तुरंत सजा मिलनी चाहिए
उन्होंने कहा, “हम हर दिन अखबार पढ़ते हैं। आज भी उसमें महिलाओं और छोटी बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं देखकर हमारा खून खौल उठता है। इन आरोपियों को तुरंत कड़ी सजा मिलनी चाहिए। हम उन्हें दस-बारह साल तक क्यों रखें? हम उन्हें बिरयानी क्यों खिलाएं?

देश के लिए जीना चाहिए
मैंने तिरंगे के नीचे शपथ ली है और लेता रहूंगा। “जब हमारे पास पनडुब्बी नहीं थी, तब पाकिस्तान के पास पनडुब्बी थी। अमेरिका ने ट्रेनिंग के लिए दी थी। उनका समझौता था कि युद्ध में पनडुब्बी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। 1962 के युद्ध में इनका इस्तेमाल नहीं हुआ। देश ने पहली चार पनडुब्बी सितंबर 1967 में खरीदी थी। मैं इन बच्चों को बनाना चाहता हूं। हमें सिर्फ इस देश के लिए जीना चाहिए।”

कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात सभी सदस्यों एवं सामान्य जनों को स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक की ओर से मिठाई खिलाई गई तथा स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी गईं।

देखें यह वीडियो – 

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