– कोमल यादव
भारत (India) को जल्द मिल सकता है स्वदेशी वेब ब्राउजर (Swadeshi Web Browser)। इसे बनाने का जिम्मा भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो कार्पोरेशन (Zoho Corporation) ने लिया है। इसकी घोषणा केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गुरुवार (20 मार्च) को की है। मंत्रालय (Ministry) ने स्वदेशी वेब ब्राउजर डेवलप करने के उद्देश्य से ‘इंडियन वेब ब्राउजर डेवलपमेंट चैलेंज’ (Indian Web Browser Development Challenge) नाम से एक प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें इंडियन वेब ब्राउजर डेवलपमेंट चैलेंज में 58 कंपनियों ने हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीत कर जोहो कार्पोरेशन को 1 करोड़ का पुरस्कार मिला।
प्रतियोगिता में टीम पिंग दूसरे स्थान पर रहकर 75 लाख रुपए प्राप्त किया और टीम अजना तीसरे नंबर पर रही जिससे 50 लाख रुपए प्राप्त होंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सभी विजेताओं को प्राइस मनी का चेक दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, यह देखकर खुशी हुई कि इस चैलेंज में विजेता टियर 2 और टियर 3 शहरों से आये हैं।
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जोहो कंपनी का इतिहास
जोहो कॉर्पोरेशन एक भारतीय टेक्नोलॉजी कंपनी है, जो इंटरनेट बेस्ड सॉफ्टवेयर और टूल्स बनाती है। इसका मुख्यालय चेन्नई में है और यह कंपनियों के लिए आसान और सस्ते सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन बनाती है। इनमें ई-मेल, ऑफिस टूल्स और कस्टमर मैनेजमेंट सिस्टम (CRM) शामिल है। 1996 में श्रीधर वेम्बू और टोनी थॉमस ने इसकी शुरुआत की थी।
ब्राउजर की खासियत
डेटा सिक्योरिटी एक एहम मुद्दा है। यह ब्राउजर सरकार की निगरानी में रहेगा और इसमें देश का डेटा देश में ही रहेगा। दूसरा डेटा प्राइवेसी, स्वदेशी ब्राउजर डेटा प्राइवेसी एक्ट का पालन करेगा, जिससे की यूजर्स का डेटा सुरक्षित रहेगा। अक्सर लोगों की शिकायतें रहती है की कुछ डिवाइस में उनके ब्राउजर सपोर्ट नहीं करते है। जानकारी के लिए बता दें कि ऐसी समस्या इस मेक इन इंडिया ब्राउजर में नहीं होगी। ये ब्राउजर iOS, विंडोज और एंड्राइड सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करेगा।
अमेरिकी कंपनियों की दबदबा
अमेरिकी कंपनियों का दुनियाभर में इस्तेमाल होने वाले इंटरनेट ब्राउजिंग पर दबदबा है। इनमें गूगल क्रोम का इस्तेमाल सबसे ज्यादा है। भारत में गूगल के करीब 850 मिलियन यूजर (85 करोड़) यूजर्स हैं, यह कुल यूजर्स का करीब 89% है।
गूगल क्रोम का इस्तेमाल करने में भारतीय नंबर 1 !
गूगल क्राम- 88.94%
ओपेरा – 3.28%
सफारी- 2.82%
यूसी ब्राउजर- 1.72%
एज- 1.21%
फायर फॉक्स – 0.96%
सोर्स- statcounter.com
3 करोड़ की फंडिंग
सरकार की तरफ से मेड इन इंडिया वेब ब्राउजर बनाने के लिए 3 करोड़ की फंडिंग का ऐलान किया गया है। इसके तैयार होने के बाद इसे सिक्योरिटी सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिसके बाद यूजर्स स्वदेशी ब्राउजर का इस्तेमाल कर पाएंगे। वर्तमान की स्तिथि में भारत में मौजूद ब्राउजर्स का भारत सरकार के साथ सिक्योरिटी और प्राइवेसी को लेकर काफी समस्या है, जिसकी वजह से भारत खुद का इंटरनेट ब्राउजर डेवलप करने जा रहा है। भारत तेजी से डिजिटलायस हो रहा है और इस कदम में ऑनलाइन सिक्योरिटी और प्राइवेसी अहम मुद्दा है।
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