बठिंडा किला (Bathinda Fort), जिसे किला मुबारक (Mubarak) के नाम से भी जाना जाता है, भारत (India) के पंजाब (Punjab) राज्य के बठिंडा में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। यह पंजाब राज्य के सबसे पुराने किलों में से एक है और महत्वपूर्ण ऐतिहासिक (Important Historical) और स्थापत्य महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि इस किले का निर्माण कुषाण वंश के छठे राजा राजा दब ने तीसरी शताब्दी ईस्वी में कराया था।
किला मुबारक ने अपने पूरे अस्तित्व में कई ऐतिहासिक घटनाओं और शासकों को देखा है। यह भारतीय इतिहास के विभिन्न कालखंडों के दौरान एक रणनीतिक गढ़ था, जिसमें कुषाण, गुप्त और मुगल साम्राज्य का शासन भी शामिल था। इस किले ने महाराजा रणजीत सिंह के अधीन सिख साम्राज्य के दौरान भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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बठिंडा किले की वास्तुकला इसके निर्माण और नवीकरण के विभिन्न कालखंडों की विभिन्न शैलियों के मिश्रण को दर्शाती है। इसमें जटिल नक्काशी, बुर्ज और प्रवेश द्वार हैं, जो इसके निर्माताओं की शिल्प कौशल को प्रदर्शित करते हैं। किले में महलों, मंदिरों और एक मस्जिद सहित कई संरचनाएँ शामिल हैं।
आज, बठिंडा किला एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण के रूप में खड़ा है, जो इसके समृद्ध इतिहास और स्थापत्य वैभव की खोज में रुचि रखने वाले आगंतुकों को आकर्षित करता है। यह पंजाब की प्राचीन विरासत और क्षेत्र के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परिदृश्य को आकार देने में इसके महत्व की याद दिलाता है।
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