तो क्या अब ‘ग्रोन इन चाइना’ रोकेगी आंसू?

प्याज की कीमतों को लेकर हाहाकार के बीच इस पर काबू करने के लिए अब दुश्मन देशों से प्याज का आयात किया जाना है। खबरों के अनुसार चीन, पाकिस्तान, ईरान जैसे देशों से प्याज का आयात किया जाएगा।

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देश सीमा पर चीन की चालबाजी से परेशान है। सैनिक सीमा पर पाकिस्तान और चीन के सैनिकों की आंखों से आखें मिलाकर खड़े हैं। ऐसे में प्याज अलग ही रोना रुला रही है। दामों में शतक मारनेवाली प्याज के बाजार को औकात में लाने के लिए अब दुश्मन देशों की ‘ग्रोन इन प्याज’ का आयात किया जाएगा।

दाल, सब्जी के छौंके की लाज प्याज आसमान चढ़ गई है। किचन में प्याज के दाम को लेकर किच-किच शुरू है। इस बीच किसानों और बाजार समिति का रोना अलग है। इन सभी का कहना है कि इस बार बारिश की वजह से फसल खराब हो गई थी जिसके कारण बाजार समिति में प्याज की आवक घट गई है। इसका परिणाम ये हुआ है कि प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ गई हैं।

प्याज की कीमतों को लेकर हाहाकार के बीच इस पर काबू करने के लिए अब दुश्मन देशों से प्याज का आयात किया जाना है। खबरों के अनुसार चीन, पाकिस्तान, ईरान जैसे देशों से प्याज का आयात किया जाएगा। यह प्याज भारत आने में करीब पंद्रह दिन का समय लगेगा। तब तक प्याज की बढ़ी कीमतों का चटका उपभोक्ताओं को झेलना पड़ेगा।

निसर्ग ने किया नाश

बाजार समिति के अनुसार जून महीने में राज्य में निसर्ग नामक चक्रवात ने बड़े स्तर पर नुकसान किया था। प्याज की फसल का भी इस दौरान बड़ा नुकसान हुआ था। जिसका परिणाम अब आवक पर पड़ा है। जिसके कारण प्याज के दाम तेजी से बढ़ें हैं।

रकार चीन, पाकिस्तान, ईरान से प्याज का आयात करने की तैयारी में है। जिस प्याज के मंडियों तक पहुंचने पर दामों में कुछ राहत जरूर मिलेगी। लेकिन वर्तमान की 100 रुपए की कीमत बहुत कम होगी तब भी 80 रुपए के इर्द-गिर्द रहेगी।
जयदत्त होलकर, संचालक – लासलगांव कृषि उत्पन्न बाजार समिति

नियमों में शिथिलता

केंद्र सरकार ने प्याज की बढ़ी कीमतों पर नियंत्रण के लिए आयात के नियमों में शिथिलता दी है। यह छूट 15 दिसंबर तक जारी रहेगी। केंद्र सरकार का मानना है कि इस बीच खरीफ की फसल मंडियों तक पहुंच जाएगी।

 

 

 

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