भारत ने कनाडा के इस फैसले का किया स्वागत, दबाव तंत्र आया काम

2017-19 के दौरान कनाडा घए भारतीय छात्र वापस भेजे जा सकते हैं। वे पढ़ने के लिए वहां गए थे।

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भारत सरकार ने कनाडा से भारतीय छात्रों को वापस भेजे जाने के कुछ मामलों में रोक लगाए जाने के फैसला का स्वागत किया है।

विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारत की ओर से लगातार किया जा रहा प्रयास इसमें मददगार साबित हुआ है। इसी चलते कनाडाई प्रशासन मामले के मानवीय पहलू को देख रहा है और छात्रों के दृष्टिकोण को भी समाहित कर रहा है।

2017-19 के दौरान कनाडा पहुंचे भारतीय छात्र भेजे जा सकते हैं वापस
बता दें कि 2017-19 के दौरान कोरोना काल में कनाडा पहुंचे भारतीय छात्र वापस भेजे जा सकते हैं। वे पढ़ने के लिए वहां गए थे । कुछ वहां वर्किंग वीजा पर काम कर रहे हैं और कुछ अभी भी पढ़ रहे हैं। कनाडा प्रशासन का कहना है कि छात्रों ने वीजा पाने के लिए यहां के विश्वविद्यालयों के फर्जी प्रवेश पत्र पेश किए गए थे।

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भारत लगातार उठा रहा है मामला
भारत सरकार लगातार इनका मामला उठा रहा है। विदेश मंत्री ने अपने कनाडाई समकक्ष से मामला उठाया था। वहीं स्थानीय स्तर पर भी नेताओं की ओर से छात्रों के समर्थन में आवाज उठाई जा रही है।

भारत ने कमियों को किया उजागर
सूत्रों के मुताबिक भारत ने कनाडा प्रशासन से उनकी वीजा जारी करने की व्यवस्था की कमियों को उजागर किया है। वीजा देते समय ठीक से मेहनत नहीं की जाती। इसके चलते छात्रों को वीजा मिल जाता है।

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