Veda Science Culture Mahakumbh: भारतीय संस्कृति सिखाती है ज्ञान के प्रति प्रतिबद्धता-आरिफ मोहम्मद खान

भारतीय संस्कृति ने विश्व को नई दृष्टि दी है, क्योंकि इसने मानवता का दिव्यताकरण और दिव्यता का मानवीयकरण करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि ज्ञान की सभी शाखाओं में आध्यात्मिक दृष्टिकोण भारतीय ज्ञान परंपरा की देन है और हमें इस विरासत पर गर्व होना चाहिए।

208

Veda Science Culture Mahakumbh: हरिद्वार के वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammad Khan) ने कहा कि भारतीय संस्कृति (Indian culture) ज्ञान के प्रति प्रतिबद्धता (commitment to knowledge)  रखना सिखाती है। भारतीय संस्कृति विभेदकारी न होकर समावेशी है, क्योंकि इसमें आत्मा को आधार माना है।

भारतीय संस्कृति ने विश्व को नई दृष्टि दी
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को समापन सत्र में कहा कि गुरुकुल कांगड़ी मात्र एक विश्वविद्यालय नहीं है, बल्कि यह विश्वविद्यालय से बढ़कर है, क्योंकि यहां आत्मबोध की शिक्षा दी जाती है, इसलिए गुरुकुल पर बड़ी जिम्मेदारी है। भारतीय संस्कृति के वैभव पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ने विश्व को नई दृष्टि दी है, क्योंकि इसने मानवता का दिव्यताकरण और दिव्यता का मानवीयकरण करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि ज्ञान की सभी शाखाओं में आध्यात्मिक दृष्टिकोण भारतीय ज्ञान परंपरा की देन है और हमें इस विरासत पर गर्व होना चाहिए।

स्वामी श्रद्धानन्द ने जामा मस्जिद को वेद मंत्रों से गुंजायमान कर दिया
वेद विज्ञान संस्कृति महाकुम्भ के संरक्षक डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि स्वामी दयानंद ने ईश्वर, वेद और सत्य के लिए अपने जीवन को देश को समर्पित किया था तथा उनके शिष्य स्वामी श्रद्धानन्द ने देश की चेतना में भारतीयता के बीज रोपित किए। आजादी के आंदोलन में स्वामी श्रद्धानन्द की अग्रणी भूमिका थी। डॉ. सत्यपाल सिंह ने कहा कि स्वामी दयानंद ने देश में पाखंड खंड़िनी पताका फहराया और स्वामी श्रद्धानन्द ने जामा मस्जिद को वेद मंत्रों से गुंजायमान कर दिया था।

स्वामी श्रद्धानन्द ने समाज को नई दिशा दी
कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि महापुरुष संसार की विकृति से प्रेरित होकर सृजन करने का कार्य करते हैं ऐसा ही कार्य स्वामी दयानंद और स्वामी श्रद्धानन्द ने किया था उन्होंने समाज को अपने तपोबल से नई दिशा दिखायी। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि हमें स्वामी श्रद्धानन्द का अनुगामी बनाना चाहिए और अनुगामी बनने के लिए साधन नहीं समर्पण की आवश्यकता है।

वेद के ज्ञान से ही विश्व में सुख, शांति और समृद्धि संभव
हरिद्वार सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि वेद के ज्ञान से ही सम्पूर्ण विश्व में सुख, शांति और समृद्धि संभव है। पश्चिम की संस्कृति दुनिया को बाजार मानती है और हमें विश्व को एक परिवार माना है यह भेद हमें दुनिया से भिन्न करता है। उन्होंने कहा कि भारत की ज्ञान की महाशक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है गुरुकुल कांगड़ी मानव चरित्र निर्माण का कार्य करता है इसलिए नई शिक्षा नीति के क्रियान्वन में गुरुकुल अन्य विश्वविद्यालयों का नेतृत्व करेगा।

कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने कहा कि वैदिक ज्ञान विज्ञान और वेद के वास्तविक स्वरूप की स्थापना स्वामी दयानंद ने की थी वसुधैव कुटुम्बकम् वेद की मूल भावना है यह मनुष्य बनने की प्रेरणा देता है। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सांसद डॉ. सत्यापल सिंह के जीवन पर केन्द्रित डॉ. सत्यपति तिवारी की लिखित पुस्तक सत्य का विमोचन किया। इस अवसर पर प्रो. ब्रह्मदेव के संपादन में निकलने वाली शोध पत्रिका गुरुकुल पत्रिका के नूतन अंक का विमोचन भी किया गया।

यह भी पढ़ें – Madhya Pradesh: मोहन यादव सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार, कैलाश विजयवर्गीय समेत ये बने मंत्री

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.