ऐसी भी क्या बात? 12 हजार गैर सरकारी संगठनों ने रद्द करा दी विदेशी चंदा प्राप्ति की अनुमति

विेदेश से चंदा प्राप्त करने के लिए फॉरेन कॉन्ट्रीब्यूशन (रेग्यूलेशन) एक्ट की अनुमति आवश्यक होती है। परंतु, इसमें अनियमितता या देश विरोधी गतिविधि में संलिप्तता के कारण पंजीकर रद्द हो सकता है।

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देश में लंबे समय से गैर सरकार संगठनों पर धर्मांतरण, समुदाय विशेष के लिए वातावरण तैयार करने और आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगता रहा है। इसको लेकर केंद्र सरकार की ओर से ऐसे निर्दिष्ट संगठनों पर शिकंजा कसा जा रहा था। लेकिन इस इस वर्ष एक बड़ी बात सामने आई है, जिसमें लगभग 6 हजार संगठनों ने अपने विदेशी चंदा प्राप्त करने की अनुमति के नवीनीकरण का आवेदन ही नहीं किया। जबकि, लगभग कई संगठनों का पंजीयन केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नवीनीकरण करने से ठुकरा दिया है।

विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के अंतर्गत पंजीकृत संगठनों की कुल संख्या जनवरी 2022 के पहले दिन ही गिरकर 16,829 हो गई। इसके एक दिन पहले 31 दिसंबर. 2021 को 12,580 संस्थाओं का एफसीआरए पंजीकरण समाप्त हो गया या समाप्त लिया गया। सूत्रों के अनुसार इन संस्थाओं ने या तो नवीनीकरण के लिए आवेदन नहीं किया था या गृह मंत्रालय ने उनके आवेदन को ठुकरा दिया था। सूची में जामिया मिलिया इस्लामिया, ऑक्सफोम इंडिया, इंडियन मेडिकल असोसिएशन और नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय सहित कई प्रमुख संस्थान शामिल हैं।

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इनमें से कई संगठन ऐसे हों जिनका नाम पहले काफी विवादों में रहा है। इसमें कई तो सांप्रदायिकता, सामाजिक विद्वेष फैलाने, धर्मांतरण को वित्त पोषण में करते रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, इसमें कई ऐसे संगठन भी प्रभावित हुए हैं जिनका कार्य अच्छा रहा है।

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