Indian Railway: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने 25 फरवरी (सोमवार) को अमृत भारत रेलवे स्टेशन योजना (Amrit Bharat Railway Station Scheme) के अंतर्गत देशभर के 554 रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास कार्यों (redevelopment works) की शुरुआत की। इनमें मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के 33 रेलवे स्टेशन भी शामिल हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से वर्चुअली जुड़े और भारतीय रेलवे के 41 हजार करोड़ रुपये की इन रेल परियोजनाओं का रिमोट के जरिए लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 554 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास एवं 1500 रोड़ ओवर ब्रिजों, अंडरपास का लोकार्पण-शिलान्यास शामिल है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत ने छोटे-छोटे सपने देखना छोड़ दिया है। हम बड़े सपने देखते हैं और पूरे करने के लिए दिनरात एक कर देते हैं। यही संकल्प इस विकसित भारत, विकसित रेलवे कार्यक्रम में दिख रहा है। दशकों तक रेलवे को स्वार्थ भरी राजनीति का शिकार होना पड़ा, लेकिन अब भारतीय रेलवे देशवासियों की यात्रा में आसानी कर रही है। आज रेलवे इज ऑफ ट्रैवलिंग का हिस्सा बन गई है। जिस रेलवे के हमेशा घाटे में रहने का रोना रोया जाता था, आज वह परिवर्तन के सबसे बड़े दौर से गुजर रही है।
With 2000 projects being launched in one go, India is set to witness a mega transformation of its railway infrastructure. https://t.co/AegQwerpEZ
— Narendra Modi (@narendramodi) February 26, 2024
एयरपोर्ट जैसी होंगी आधुनिक सेवाएं
प्रधानमंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट जैसी आधुनिक सेवाएं सिर्फ पैसे वालों खाते में है। आज रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट जैसी सुविधा गरीब लाभ ले सकता है। रेलवे लाइन बिछाने की गति दोगुनी हो गई। आज ऐसी जगहों पर रेल पहुंच रही है। जिसकी लोगों ने कल्पना भी नहीं की। जैसे बैंक में जमा पैसे पर ब्याज मिलता है, वैसे इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगी पाई से रोजगार के साधन बनते हैं। हमारी रेल छोटे किसानों को बढ़ावा देने वाली है। इसके लिए स्टेशनों पर विशेष दुकानें बनाई गई हैं। रेल की गति बढ़ेगी और उत्पादन तेजी से मार्केट पहुंचेंगे और उद्योगों की लागत कम होगी। आज पूरी दुनिया में भारत को निवेश के लिए सबसे आकर्षक माना जा रहा है। इसका कारण आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर है।
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मप्र के 33 रेलवे स्टेशनों का चयन
उल्लेखनीय है कि देश के 544 रेलवे स्टेशन पुनर्विकास के लिए चुने गए हैं। इसमें मध्य प्रदेश के 33 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास भी शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश में रेल अधोसंरचना के विकास के अंतर्गत वर्तमान वर्ष में 15 हजार 143 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। प्रदेश में 77 हजार 800 करोड़ से अधिक की 32 परियोजनाएं क्रियान्वित हो रही हैं। मध्य प्रदेश के जिन 33 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास के लिए शिलान्यास हुआ है, उनमें जबलपुर और भोपाल रेल मंडल के पांच-पांच स्टेशन शामिल हैं। पुनर्विकास के लिए चयनित स्टेशनों में सीहोर, जबलपुर, बीना, अशोकनगर, खिरकिया, सांची, शाजापुर, ब्यौहारी, बरगवां, नरसिंहपुर, पिपरिया, इंदौर, उज्जैन, मंदसौर, मक्सी, नागदा, नीमच, शुजालपुर, खाचरोद, बालाघाट, छिंदवाड़ा, खंडवा, मंडला फोर्ट, नैनपुर, सिवनी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, बिजुरी, मुरैना, हरपालपुर, दतिया और भिंड स्टेशन शामिल हैं। आरओबी में जबलपुर रेल मंडल के दो और भोपाल रेल मंडल के चार आरओबी शामिल हैं। अंडरपास के अंतर्गत जबलपुर में एक एवं भोपाल मंडल में दो स्थानों पर कार्य होंगे।
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बिहार के 33 रेलवे स्टेशनों का चयन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत रिमोट के माध्यम से 41 हजार करोड़ रुपये की लागत से देशभर के 554 रेलवे स्टेशनों का तथा 1500 रोड ओवर ब्रिज/अंडरपास का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में बिहार के 33 रेलवे स्टेशनों पर ओवरब्रिज और अंडरपास का निर्माण होगा। इस योजना के तहत बिहार के बरौनी, सीवान, मुंगेर, थावे, सबौर, अररिया कोर्ट, शिवनारायणपुर, दौरम मधेपुरा, डेहरी ऑन सोन, गुरारू, काढ़ागोला रोड, चौसा, लहेरियासराय, बांका, सिमरी बख्तियारपुर, सुपौल, नवादा, रक्सौल, मोतीपुर, लखीसराय, मशरख, रफीगंज, मैरवा, पीरो, बिक्रमगंज, लाभा, जनकपुर रोड, चकिया, नबी नगर रोड, घोड़ासहन, सालमारी, एकमा एवं शाहपुर पटोरी का पुनर्विकास कार्य एवं 68 करोड ओवरब्रिज/अंडरपास के निर्माण कार्य की शुरुआत की गई।
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