लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंकरों के साथ पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से मुंबई के लिए अपनी पहली यात्रा शुरू करने जा रही है। विशाखापट्टनम पर एलएमओ से भरे टैंकरों की भारतीय रेल की रो-रो सेवा के माध्यम से भेजा जा रहा है।
एक अन्य ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने उत्तर प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पूरी करने के लिए वाराणसी के रास्ते लखनऊ से बोकारो के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है। ट्रेन की यात्रा के लिए लखनऊ से वाराणसी के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया था। ट्रेन ने 270 किलोमीटर की दूरी 62.35 किमी प्रति घंटा की औसत गति के साथ 4 घंटे 20 मिनट में तय की थी।
Railways gears up to run Oxygen Express –
The Ro-Ro service, from Kalamboli, with 7 empty tankers moved to Visakhapatnam from where Liquid Medical Oxygen will be loaded.
Railways has geared up to run Oxygen Express in response to its fight against Covid-19. #RailFightsCorona pic.twitter.com/89Og5UQs4K
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) April 19, 2021
ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन की ढुलाई लंबी दूरियों पर सड़क परिवहन की तुलना में तेज है। ट्रेन एक दिन में 24 घंटे तक चल सकती हैं, लेकिन ट्रक के चालकों को आराम आदि की जरूरत होती है।
यह खुशी की बात हो सकती है कि टैंकरों की लोडिंग/ अनलोडिंग को आसान बनाने के लिए एक रैम्प की जरूरत होती है। कुछ स्थानों पर रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) और ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) की ऊंचाई की सीमाओं के कारण, रोड टैंकर का 3320 मिमी ऊंचाई वाला टी 1618 मॉडल 1290 मिमी ऊंचे फ्लैट वैगनों पर रखे जाने के लिए व्यवहार्य पाया गया था।
रेलवे ने बीते साल लॉकडाउन के दौरान भी आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई की और आपूर्ति श्रृंखला को बना रखा तथा आपात स्थिति में राष्ट्र की सेवा जारी रखी।
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