इसरो ने जीएसएलवी-एफ12 सैटेलाइट किया लॉन्च, जानिये क्यों है ये खास

श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया। 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी अपनी उड़ान में 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लेकर रवाना हुआ।

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने 29 मई को पूर्वाह्न 10 बजकर 42 मिनट पर जीएसएलवी-एफ12 सैटेलाइट (भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान) को लॉन्च कर दिया।

सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से किया गया लॉन्च
इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया कि इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से लॉन्च किया गया। 51.7 मीटर लंबा जीएसएलवी अपनी उड़ान में 2,232 किलोग्राम वजनी एनवीएस-01 नौवहन उपग्रह को लेकर रवाना हुआ। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद, रॉकेट लगभग 251 किलोमीटर की ऊंचाई पर भू-स्थिर स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में उपग्रह को स्थापित करेगा। एनवीएस-01 अपने साथ एल1, एल5 और एस बैंड उपकरण ले गया है। पूर्ववर्ती की तुलना में, दूसरी पीढ़ी के इस उपग्रह में स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी भी है।

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स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी का किया गया इस्तेमाल
इसरो ने कहा कि यह पहली बार है, जब स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी का 29 मई के प्रक्षेपण में इस्तेमाल किया गया है। वैज्ञानिक पहले तारीख और स्थान का निर्धारण करने के लिए आयातित रूबिडियम परमाणु घड़ियों का इस्तेमाल करते थे। अब, उपग्रह में अहमदाबाद स्थित अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र द्वारा विकसित रूबिडियम परमाणु घड़ी लगी है। यह महत्वपूर्ण तकनीक कुछ ही देशों के पास है।

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