भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 10 फरवरी की सुबह सतीश धवन स्पेस सेंटर से किया गया सबसे छोटे रॉकेट एसएसएलवी-डी2 के दूसरे संस्करण का प्रक्षेपण सफल रहा। इससे पहले 9 फरवरी की आधी रात बाद 02:48 बजे शुरू हुई साढ़े छह घंटे की उलटी गिनती के बाद सुबह 09:18 बजे एसएसएलवी-डी2 ने पहले लॉन्च पैड से उड़ान भरी।
इसरो का यह इस साल का पहला मिशन है। उड़ान के 15 मिनट पूरे होने के बाद 119 टन वजनी 34 मीटर लंबे एसएसएलवी ने 156.3 किलोग्राम वजनी ईओएस-07, अमेरिकी कंपनी अंटारिस के 10.2 किलोग्राम के जानूस-1 उपग्रह और चेन्नई के स्पेस किड्ज इंडिया निर्मित 8.8 किलोग्राम के आजादीसैट-2 उपग्रह को 450 किलोमीटर लंबी कक्षा में 37.2 डिग्री के झुकाव पर स्थापित किया। आजादीसैट को देश के ग्रामीण इलाकों की 750 लड़कियों ने मिलकर बनाया है।
तीनों उपग्रह सटीक कक्षा में स्थापित
इसरो अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने इस मौके पर वैज्ञानिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एसएसएलवी-डी2 मिशन सफल रहा। तीनों उपग्रह सटीक कक्षा में स्थापित कर दिए गए हैं। उन्होंने मिशन की सफलता के लिए इसरो की पूरी टीम को बधाई दी है। इससे पहले पिछले साल एसएसएलवी डी-1 की पहली उड़ान विफल हो गई थी।