रेस्क्यू अभियानों में विशेषज्ञ पर्वत प्रशिक्षित बल- भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) अमरनाथ यात्रा-2022 की सुरक्षा ड्यूटी करने के साथ ही यात्रा के दौरान ऊंचाई वाले स्थानों पर जरूरतमंद यात्रियों को ऑक्सीजन सहायता भी प्रदान कर रही है।
आईटीबीपी के प्रवक्ता विवेक पांडेय के अनुसार, 2 जुलाई तक आईटीबीपी ने 50 से अधिक यात्रियों को ऑक्सीजन सहायता प्रदान की, जो ऑक्सीजन की आवश्यकता के कारण बीमार महसूस कर रहे थे।
यात्रा मार्ग में शेषनाग (12324 फीट) से महागुन टॉप (14000 फीट) तक जाने वाले रास्ते पर आईटीबीपी के जवानों का आना-जाना लगा रहता है, जहां सांस फूलने और ऊंचाई पर प्रभाव के ऐसे मामले देखे जा रहे हैं।
आईटीबीपी के जवानों को ऐसे यात्रियों को देखते रहने के लिए कहा गया है जिनमें सांस फूलने और ऊंचाई में बीमारी के लक्षण दिखें। आईटीबीपी ने अपनी चिकित्सा सहायता प्रणाली को हाई अलर्ट पर रखा है, क्योंकि कुछ यात्रियों में अचानक ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं। आईटीबीपी के मेडिक्स ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ हैं और जरूरतमंद तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन प्रदान कर रहे हैं। उनका ब्लड प्रेशर भी चेक किया जाता है।
आईटीबीपी यात्रियों को आवश्यकता पड़ने पर प्राथमिक उपचार भी प्रदान कर रही है और उन यात्रियों को देखने के लिए क्षेत्रों में गश्त कर रही है जिन्हें किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है। आईटीबीपी के जवान भी घायलों को अस्पताल ले जा रहे हैं और स्ट्रेचर पर ले जाकर शेषनाग कैंप ले जा रहे हैं।
आईटीबीपी वर्षों से यात्रा के दौरान इस तरह की सहायता प्रदान करती रही है। 2019 में भी आईटीबीपी के जवानों को खतरनाक भूस्खलन संभावित क्षेत्रों को पार करने के लिए यात्रियों की सुविधा के लिए खतरनाक गिरते पत्थरों से बचाने के लिए ढाल की दीवार बनाते हुए देखा गया था और यात्रियों को उफनते नालों पर पुलों को सुरक्षित पर कराते हुए देखा गया था। आईटीबीपी ने उस वर्ष भी सैकड़ों जरूरतमंद यात्रियों को ऑक्सीजन मुहैया कराई थी।
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