कोरोना मरीजों को कथित रुप से दिए जाने वाले रेमडेसवीर की कमी को लेकर देश भर में भूचाल आया हुआ है। इसे लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही हैं। महाराष्ट्र सहित कई गैर भारतीय जनता पार्टी की सत्ता वाले प्रदेशों की सरकारें अपने प्रदेश में इस इंजेक्शन की कमी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही हैं। इसके साथ ही देश के अधिकांश राज्यों में इसकी कमी को लेकर खुलकर राजनीति का खेल खेला जा रहा है। इस हालत में एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के बयान काफी महत्वपूर्ण हैं।
यह जादू की पुड़िया नहीं
डॉ. गुलेरिया ने ट्वीट कर कहा है कि लोगों को यह समझना चाहिए कि रेमडेसवीर जादू की पुड़िया नहीं है और न ही ये मृत्यु दर घटाने वाली दवा है। हम इसका उपयोग इसलिए करते हैं क्योंकि हमारे पास इस बीमारी के लिए कोई एंटी-वायरल दवा नहीं है।
It's imp to understand that Remdesivir isn't magic bullet & isn't a drug that decreases mortality. We may use it as we don't have an anti-viral drug. It's of no use if given early to asymptomatic individuals/ones with mild symptoms. Also of no use, if given late: AIIMS Director pic.twitter.com/aOLQZ65dnG
— ANI (@ANI) April 19, 2021
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हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए उपयोगी नहीं
डॉ.गुलेरिया ने कहा है कि हल्के लक्षणों वाले लोगों को यह इंजेक्शन दिए जाने पर कोई फायदा नहीं होता। यह इंजेक्शन केवल उन रोगियों को दिया जाना चाहिए, जो अस्पताल में भर्ती हैं और उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है तथा जिनके फेफड़ों तक कोरोना संक्रमण फैल गया है।