उदयपुर में तनाव के बीच रथयात्रा! जानिये, प्रशासन की कैसी है तैयारी

रथयात्रा की तैयारियों को लेकर 30 जून को जिला प्रशासन व राज्य स्तरीय पुलिस अधिकारियों के साथ रथयात्रा आयोजकों की बैठक की गई।

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उदयपुर के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर से निकलने वाली रथयात्रा कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद इस बार पुनः निकलेगी। आषाढ़ शुक्ल द्वितीया पर 1 जुलाई को शाम में रथयात्रा का आयोजन होगा। हालांकि, बीते दिनों शहर में कन्हैयालाल हत्याकांड के कारण बने हालात के चलते 7 थानाक्षेत्रों में लगे कर्फ्यू के कारण रथयात्रा का स्वरूप छोटा किया गया है।

प्रशासन ने रथयात्रा मार्ग में कर्फ्यू में ढील प्रदान की है। शेष क्षेत्र में कर्फ्यू यथावत रहेगा, लेकिन श्रद्धालुओं के रथयात्रा के दर्शन के लिए आने-जाने में छूट रहेगी। रथयात्रा आयोजकों ने शहरवासियों से श्रद्धा के इस उत्सव के साथ कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। जगदीश मंदिर के अंदर पारम्परिक छोटे रथ पर रथयात्रा निकलेगी और इसके बाद अपराह्न में भगवान जगन्नाथ स्वामी रजत रथ पर सवार होकर शहर भ्रमण पर निकलेंगे। इस बार रजत रथ भी नया तैयार किया गया है। इस मुख्य रथयात्रा सहित उपनगरीय हिरणमगरी क्षेत्र के सेक्टर-7 स्थित जगन्नाथ धाम से भी रथयात्रा निकाली जाएगी। यहां से रथयात्रा 2.15 बजे निकलेगी। इस रथयात्रा के समापन पर 21 हजार 121 दीपक से महाआरती की जाएगी।

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रथयात्रा के लिए की बैठक
आपको बता दें कि रथयात्रा की तैयारियों को लेकर 30 जून की शाम को जिला प्रशासन व राज्य स्तरीय पुलिस अधिकारियों के साथ रथयात्रा आयोजकों व प्रबुद्धजनों की बैठक में रथयात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर विस्तृत विचार विमर्श किया गया। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जंगा श्रीनिवास ने रथयात्रा के दौरान कानून व शांति व्यवस्था में समन्वय स्थापित करने के लिए स्वयंसेवकों की सूची उपलब्ध कराने की बात कही और यात्रा को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए इस कार्य में सभी का सहयोग देने का आह्वान किया।

ये अधिकारी रहे उपस्थित
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक दिनेश एमएन, संभागीय आयुक्त राजेन्द्र भट्ट, डीआईजी राजेन्द्र गोयल, आईजी हिंगलाजदान, जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा, एसपी मनोज कुमार व सुधीर जोशी ने मौजूद प्रबुद्धजनों के साथ रथयात्रा के मार्ग और इसकी विविध परंपराओं व गतिविधियों के संबंध में भी चर्चा की और आयोजन को सफल बनाने में अपेक्षित सहयोग प्रदान करने की अपील की।

-अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही निर्धारिट रूट पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था भी की जा रही है। राज्य में डीजे पर प्रतिबंध के कारण इस रथ यात्रा में सर्वसम्मति से 4 बैण्डों की अनुमति प्रदान की गई है। रथयात्रा में अलग-अलग समाजों द्वारा विभिन्न प्रकार की 15 झांकियों को अनुमति दी गई है। इसी प्रकार यात्रामार्ग में 15 स्थानों पर श्रद्धालुओं द्वारा आरती की भी अनुमति प्रदान की गई है।

-बैठक में उप महापौर पारस सिंघवी, रथयात्रा व रथ निर्माण संयोजक डॉ. प्रदीप कुमावत, दिनेश मकवाना व अन्य जनों ने विचार व्यक्त किए। रथयात्रा आयोजन समिति के दिनेश मकवाना ने बताया कि रथयात्रा के दर्शनार्थ श्रद्धालु कर्फ्यू क्षेत्र से भी आ-जा सकेंगे। उन्होंने इस दौरान कानून-व्यवस्था की पालना की शहरवासियों से अपील की है। इस दौरान जिला परिषद सीईओ मयंक मनीष, एडीएम ओपी बुनकर व प्रभा गौतम, गिर्वा एसडीएम सलोनी खेमका सहित अन्य संबंधित विभागीय अधिकारी मौजूद थे।

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