#RajasthanPolice: लाक्षागृह से निकाल लाया चार जिंदगियां, करौली का पुलिस वाला नेत्रेश सबकी आंखों मे बस गया

करौली में हुआ दंगा कइयों की रोजी रोटी और घर छीन ले गया है। लोग अब अपने आपको फिर से पटरी पर लाने में लगे हैं।

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हिंदू नववर्ष पर जिहादी मानसिकताओं की हिंसा ने बड़ी क्षति पहुंचाई। लाखों की दुकानें आग के हवाले कर दी गईं। इसी आतंकी मानसिकता के बीच एक फोटो वायरल हुई कांस्टेबल नेत्रेश थर्मा की। जो देश में चर्चा की विषय बनी हुई है। कांस्टेबल का प्रयत्न ऐसा है कि, अपने जीवन की चिंता न करते हुए कांस्टेबल आग की लपटों में कूद गया और अंदर फंसी चार जिंदगियों को लाक्षागृह (जिंदा आग के हवाले करने के लिए किया गया अग्निकांड) से बार निकाल लाया। अब इस कांस्टेबल को हेड कांस्टेबल के पद पर प्रोन्नति मिल गई है।

करौली में सायंकाल 6.30 बजे का समय था, पुलिस बचाव, राहत और दंगाइयों पर नियंत्रण पाने की तिहरी भूमिका में लगी थी। कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा गश्त पर आग पर काबू पाने के लिए साथियों के साथ लगे हुए थे, इस बीच फूटा कोट में लाक्षागृह बन गई दुकानों से महिलाओं के रोने की आवाज उन्होंने सुनी। कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा अपने को रोक नहीं पाए और तत्काल उस चूड़ी की दुकान में पहुंच गए जहां से आवाजें आ रही थीं। वहां तीन महिलाएं रो रही थीं, एक के हाथ में बच्ची थी। नेत्रेश ने बच्ची को कपड़े से लपेटा और महिलाओं को सांत्वना देते हुए अपने पीछे आने को कहा।

राजस्थान पुलिस के कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा का अदम्य साहस भरा प्रयत्न सफल रहा, बच्ची और तीनों महिलाएं बच गईं। नेत्रेश के इस साहसी प्रयत्न को किसी ने अपने कौमरे में रिकॉर्ड कर लिया, जो वायरल हो गया। जिसके पश्चात देखते ही देखते नेत्रेश शर्मा लोगों की आंखों में बस गए हैं।

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सरकार ने ली सुध
करौली दंगों पर चुप्पी साधे बैठे कांग्रेसियों के बीच पुलिस कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा के जान पर खेलकर किये गए प्रयत्न पर सरकार ने सुध ले ली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने करौली उपद्रव के दौरान अपना कर्तव्य निभाते हुए चार लोगों की जान बचाने वाले कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा से फोन पर बात कर उन्हें शाबासी दी। नेत्रेश को हेड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत करने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि अपनी जान की परवाह ना कर कर्तव्य निभाने वाले नेत्रेश का कार्य प्रशंसनीय है।

नव वर्ष पर जिहादी खलल
उल्लेखनीय है कि करौली में नववर्ष के अवसर पर शनिवार को बाइक रैली पर पथराव के बाद उपद्रवियों ने कई दुकानों काे फूंक दिया था। बाजार में खरीदारी करने आई दो महिलाएं बचने के लिए पास के एक मकान में छुप गईं। मकान भी चारों ओर से आग की लपटों में घिर गया तो वहां पहले से मौजूद एक महिला और उसके साथ मौजूद बच्ची रोने लगी। इस दौरान अपनी जान की परवाह किये बिना कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा ने उन चारों को बचाया था, उसके बाद से ही उस घटना के वीडियो और फोटोज सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे।

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