अकाउंटेंट निगल गया 56 ब्लेड, फिर क्या हुआ? जानने के लिए पढ़ें ये खबर

युवक को अस्पताल लेकर आए तो ऑक्सीजन लेवल 80 पर था। जांच में पेट में ब्लेड होने की जानकारी मिली।

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राजस्थान के जालोर जिले के सांचौर में निजी कंपनी का अकाउंटेंट एक-एक कर 56 ब्लेड निगल गया। खून की उल्टियां होने लगीं। दोस्तों ने उसे निजी हॉस्पिटल पहुंचाया। डॉक्टरों ने सोनोग्राफी की तो होश उड़ गए। उसके गले में गंभीर जख्म के निशान थे। पेट में ब्लेड भरी हुई थीं। पूरी बॉडी में सूजन थी। शरीर के अंदर कई जगह कट लगे हुए थे। सात डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन (सर्जरी) कर 3 घंटे में पेट से सारी ब्लेड निकालीं।

इमरजेंसी ऑपरेशन से बची जान
जानकारी के अनुसार दाता निवासी यशपाल सिंह (26) सांचौर में भाजपा जिलाध्यक्ष श्रवण सिंह राव के यहां एसएम राव डवलपर्स में अकाउंटेंट है। बालाजी नगर में कमरा लेकर चार साथियों के साथ रहता है। 11 मार्च की सुबह सभी साथी काम के लिए ऑफिस चले गए थे। यशपाल रूम पर अकेला था। सुबह करीब साढ़े नौ बजे यशपाल ने अपने साथियों को फोन किया और बताया कि उसकी तबीयत खराब हो गई है। खून की उल्टियां हो रही हैं। उसके साथी कमरे पर पहुंचे। सुबह करीब 10 बजे उसको पास के मनमोहन हॉस्पिटल पहुंचाया। यहां पर जांच के बाद उसे रेफर कर दिया गया। यशपाल को यहां के बाद सांचौर स्थित मेडिप्लस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। मेडिप्लस हॉस्पिटल में डॉक्टर नरसी राम देवासी ने पहले यशपाल का एक्सरे कराया। फिर सोनोग्राफी। उसके पेट में काफी सारी ब्लेड नजर आईं। इसके बाद कन्फर्म करने के लिए एंडोस्कोपी की गई। फिर पेट से ब्लेड निकालने के लिए इमरजेंसी में ऑपरेशन किया गया।

डॉक्टर ने दी जानकारी
डॉक्टर नरसी राम देवासी के अनुसार, युवक को अस्पताल लेकर आए तो ऑक्सीजन लेवल 80 पर था। जांच में पेट में ब्लेड होने की जानकारी मिली। इसके बाद ऑपरेशन कर 56 ब्लेड निकाली गईं। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। डॉक्टर नरसी राम देवासी ने बताया कि हो सकता है कि युवक को एंग्जाइटी या डिप्रेशन हो, जिसके कारण उसने ब्लेड के 3 पूरे पैकेट खा लिए। उसने ब्लेड को कवर के साथ 2 हिस्सों में बांटकर खाया था, जिसके कारण ब्लेड अंदर चली गईं। अगर ऐसे ही खाता तो ब्लेड गले में ही अटक जातीं। अंदर नहीं जातीं। उन्होंने बताया कि जब ब्लेड पेट में पहुंचीं तो उसका कवर डिजॉल्व हो गया। पेट के अंदर कट लगने से खून निकलने लगा। खून की उल्टियां होने लगीं। हमने ऑपरेशन कर ब्लेड निकाल दीं और पेट में बने घावों का भी इलाज किया है।

क्यों किया ऐसा?
युवक के अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी के बाद परिवार वाले भी पहुंच गए। परिवार वालों ने बताया कि युवक से आखिरी बार बात हुई तो वह नॉर्मल था। परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक है। ऐसे में ब्लेड खाने की बात हैरान करने वाली है। यशपाल ने ब्लेड खाने की वजह अपने परिवार वालों को भी नहीं बताई है। वह इस बारे में किसी से बात करने को तैयार नहीं है।

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