राज्य सरकार की ओर से जिला न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या की जांच केंद्रीय एजेंसी को सौंप दी गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री ने एक अनुशंसा भेजा दिया है। धनबाद में सुबह की सैर करने निकले न्यायाधीश को ऑटो रिक्शा से ठोकर मार दिया गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई।
इस प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने तुरंत एसआईटी के गठन का आदेश दिया। इस मामले में आरोपी रिक्शा चालक को कुछ ही घंटे में पकड़ लिया गया था।
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परिजनों ने की थी भेंट
न्यायाधीश उत्तम आनंद के परिजनों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भेंट की थी। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए पूरी सहायता करने का वचन दिया था। इसके बाद त्वरित जांच दल और अब सीबीआई जांच का निर्णय राज्य सरकार की ओर से लिया गया है। इस प्रकरण को लेकर ज्यूडीशियरी में भी चिंता व्यक्त किया गया है।
दो प्रकरणों पर शक की सूई
न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या में शक की सूई दो प्रकरणों के पर अधिक है। इसमें से एक प्रकरण में उत्तम आनंद ने अपनी हत्या के एक सप्ताह पहले ही आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी।
सीबीआई तब करेगी जांच
न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने के लिए झारखंड सरकार ने सिफारिश की है। इसे राज्यपाल के द्वारा डीओपीटी को भेजा जाएगा। इसके बाद इस प्रकरण में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। यह होने के बाद सीबीआई एफआईआर दर्ज करके मामले की जांच शुरू करेगी।