Jyotirlinga In India: इन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन जीवन में क्यों अवश्य करने चाहिए?

ज्योतिर्लिंग एक तीर्थस्थल है जहाँ भगवान शिव की ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा की जाती है। अब आप पूछेंगे कि ज्योतिर्लिंग क्या है?

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Jyotirlinga In India: महादेव, शिव, बुराई का नाश करने वाले, अलग-अलग नामों से पुकारे जाने वाले लेकिन आखिरकार सर्वोच्च प्राणी। हिंदू होने के नाते, ज़्यादातर लोग बड़े होते समय कई बार “ज्योतिर्लिंग” शब्द सुनते हैं। शिव का ज्योतिर्लिंग हिंदुओं में अत्यधिक पूजनीय है।

ज्योतिर्लिंग एक तीर्थस्थल है जहाँ भगवान शिव की ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा की जाती है। अब आप पूछेंगे कि ज्योतिर्लिंग क्या है? यह सर्वशक्तिमान का उज्ज्वल चिन्ह है। ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का एक पवित्र प्रतिनिधित्व है। ‘ज्योति’ शब्द का अर्थ है प्रकाश और ‘लिंग’ का अर्थ है चिन्ह। ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का प्रकाश है।

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सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, गुजरात (Somnath Jyotirlinga, Gujarat)
अरब सागर के तट पर स्थित, सोमनाथ सबसे प्रमुख ज्योतिर्लिंग है, जहाँ किंवदंती है कि चंद्रमा भगवान ने शिव की पूजा करके अपनी चमक वापस पा ली थी। कई बार नष्ट और पुनर्निर्माण किए जाने के बावजूद, यह मंदिर लचीलेपन और स्थापत्य वैभव का प्रतीक है।

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मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग, आंध्र प्रदेश (Mallikarjuna Jyotirlinga, Andhra Pradesh)
मल्लिकार्जुन को दूसरे ज्योतिर्लिंग के रूप में पूजा जाता है और इसे श्री शैल पर्वत पर पाया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि शिव और पार्वती अपने पुत्र कार्तिकेय को आशीर्वाद देने के लिए मल्लिकार्जुन और भ्रमराम्बा के रूप में यहाँ प्रकट हुए थे। मंदिर की सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित करते हैं।

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महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश (Mahakaleshwar Jyotirlinga, Madhya Pradesh)
उज्जैन में स्थित, महाकालेश्वर, तीसरा ज्योतिर्लिंग, शिव द्वारा अपने भक्त श्रीखर को एक अत्याचारी राजा से बचाने की किंवदंती से जुड़ा है। मंदिर की अनूठी भस्म आरती अनुष्ठान और ऐतिहासिक महत्व आध्यात्मिक शांति चाहने वाले तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।

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ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश (Omkareshwar Jyotirlinga, Madhya Pradesh)
नर्मदा नदी के एक द्वीप पर स्थित, ओंकारेश्वर चौथा ज्योतिर्लिंग है। ऐसा कहा जाता है कि शिव ऋषि नारद को वरदान देने के लिए यहाँ ओंकारेश्वर और अमरेश्वर के रूप में प्रकट हुए थे। प्राकृतिक सुंदरता से घिरा यह मंदिर आध्यात्मिक साधकों के लिए एक शांत वातावरण प्रदान करता है।

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बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग, झारखंड (Baidyanath Jyotirlinga, Jharkhand)
पांचवां ज्योतिर्लिंग बैद्यनाथ आसानी से देवघर में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर शिव ने रावण के घाव को ठीक किया था। अपने पौराणिक महत्व के अलावा, यह मंदिर अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के लिए भी जाना जाता है, जो भक्तों और इतिहास प्रेमियों को समान रूप से आकर्षित करता है।

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भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Bhimashankar Jyotirlinga, Maharashtra)
सह्याद्री पहाड़ियों में बसा भीमाशंकर छठा ज्योतिर्लिंग है, जो राक्षस भीम पर शिव की विजय की कथा से जुड़ा है। घने वन अभ्यारण्य में स्थित होने के कारण यह वन्यजीव प्रेमियों और आध्यात्मिक साधकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है।

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रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग, तमिलनाडु
मन्नार की खाड़ी में एक द्वीप पर स्थित, रामेश्वरम सातवाँ ज्योतिर्लिंग है, जहाँ राम ने खुद को पाप से मुक्त करने के लिए शिव की पूजा की थी। अपने वास्तुशिल्प चमत्कार और आध्यात्मिक महत्व के लिए जाना जाने वाला यह मंदिर साल भर तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।

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नागेश्वर ज्योतिर्लिंग, गुजरात (Nageshwar Jyotirlinga, Gujarat)
द्वारका के पास स्थित, नागेश्वर आठवां ज्योतिर्लिंग है, जहाँ शिव ने अपने भक्त सुप्रिय को बचाने के लिए एक राक्षस को हराया था। शिव की विशाल प्रतिमा और द्वारकाधीश मंदिर के निकट होने के कारण, इसका धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।

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काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग, उत्तर प्रदेश (Kashi Vishwanath Jyotirlinga, Uttar Pradesh)
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित काशी विश्वनाथ नौवां ज्योतिर्लिंग है, जहाँ शिव को ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में पूजा जाता है। भारत की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में जाना जाने वाला वाराणसी मुक्ति और दिव्य आशीर्वाद चाहने वाले भक्तों को आकर्षित करता है।

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त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Trimbakeshwar Jyotirlinga)
त्र्यंबकेश्वर दसवां ज्योतिर्लिंग है और यह गोदावरी नदी के उद्गम स्थल पर स्थित है। किंवदंती है कि शिव ने गंगा नदी को यहीं छोड़ा था, जिससे उसका प्रभाव कम हो गया। मंदिर का धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व दूर-दूर से तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है।

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घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग, महाराष्ट्र (Ghrishneshwar Jyotirlinga, Maharashtra)
एलोरा गुफाओं के पास स्थित, घृष्णेश्वर बारहवाँ ज्योतिर्लिंग है, जहाँ शिव ने एक भक्त के बेटे को जीवनदान दिया था। अपने कलात्मक और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रशंसित, यह मंदिर भक्ति और करुणा का एक प्रमाण है।

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