काशीपुराधिपति बाबा विश्वनाथ की नगरी सावन माह के पहले दिन 14 जुलाई से ही शिवमय हो गई। अलसुबह से ही गंगा तट पर स्नान के बाद जल लेकर श्रद्धालु बाबा दरबार की ओर चल पड़े। इस दौरान गंगा तट से मंदिर परिसर तक हर-हर महादेव का गगनभेदी उद्घोष गुंजायमान रहा।
हर दिन ढाई लाख भक्त करेंगे दर्शन
शिवभक्त बाबा के भव्य और नव्य धाम को देखने के साथ पावन ज्योर्तिलिंग के दरस परस के लिए व्याकुल दिखे। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया भक्तों का रेला दरबार में बढ़ता गया। सावन माह में दरबार में भी शिवभक्तों के सुविधा का खासा ख्याल रखा गया है। दरबार में सावन माह भर भक्त झांकी दर्शन ही कर पायेंगे। भक्त ज्योर्तिलिंग का स्पर्श दर्शन नही कर पायेंगे। इस पर रोक लगाई गई है। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि सावन माह के सामान्य दिनों में प्रतिदिन लगभग ढाई लाख भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे।
खोला गया गंगा की ओर का द्वार
सावन के चारों सोमवार पर छह लाख से अधिक भक्त बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाएंगे। दरबार में भक्तों की सुविधा के लिए जहां गंगा की ओर से आने वाला द्वार खोल दिया गया है। वहीं दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए परिसर में दर्जनभर स्थानों पर एलईडी टीवी लगाया जाएगा, ताकि श्रद्धालु बाबा के दर्शन एलईडी टीवी के माध्यम से भी कर सकेंगे। बाबा दरबार में भक्त गंगा द्वार, छत्ताद्वार, ढुंढिराज और सरस्वती फाटक से प्रवेश कर सकेंगे। जो श्रद्धालु जिस रास्ते से आएंगे वह उसी रास्ते से वापस लौटेंगे। भक्तों को सामान रखने के लिए लॉकर की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही गर्मी से बचाव के लिए कूलर-पंखे, टेंट और मैट की व्यवस्था की गई है।
कांवड़ियों का आगमन शुरू
उधर, सावन के पहले दिन ही शहर में प्रवेश करने के लिए चारों मार्गों पर और शहर की सड़कों पर कांवड़ियों की आवागमन शुरू हो गया है। कांवड़ियों के लिए प्रयागराज से वाराणसी नेशनल हाईवे की बायीं लेन सावन भर कांवड़ियों के लिए रिजर्व रहेगी। रिजर्व लेन पर चार पहिया वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है।