काशी तमिल संगमम् में भाग लेने आये रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने वाराणसी से तमिलनाडु के बीच काशी-तमिल संगमम् नाम से ट्रेन चलाने की घोषणा की है। उन्होंने संगमम् में आये तमिलनाडु के आठवें समूह के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया।
इससे एक भारत-श्रेष्ठ भारत का होगा निर्माण
बरेका के प्रेक्षागृह में नौ दिसंबर की देर रात रेलमंत्री से संवाद के दौरान एक प्रतिनिधि ने बताया कि तमिलनाडु से काशी आने में उन्हें बहुत दिक्कत होती है। उनकी बात सुनकर रेलमंत्री ने काशी से तमिलनाडु के लिए काशी तमिल संगमम् एक्सप्रेस चलाने की बात कही। संवाद के दौरान रेलमंत्री ने कहा कि काशी और तमिलनाडु में बड़ी समानताएं हैं। यहां आकर तमिलनाडु के लोग जो अनुभव लेकर जा रहे हैं, इससे एक भारत-श्रेष्ठ भारत का निर्माण होगा। निश्चित रूप से काशी-तमिल संगमम् के माध्यम से काशी और तमिल के बीच अटूट रिश्ता परिलक्षित हुआ है।
ये भी पढ़ें- केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने किया समान नागरिक संहिता का समर्थन, कही यह बात
रेलमंत्री ने की तमिलनाडु के लोगों की तारीफ
रेलमंत्री ने कहा कि तमिलनाडु के बहुत से लोग श्रीकाशी विश्वनाथ की सेवा में लगे हुए हैं और बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे हैं। तमिलनाडु के रेलवे स्टेशनों को देखकर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पूरे भारत में रेलवे स्टेशन का स्वरूप एयरपोर्ट जैसा होना चाहिए। रेलमंत्री ने कहा कि पूरे काशी-तमिल संगमम् के दौरान प्रतिनिधियों का परिवार की तरह ध्यान रखने के लिए आईआरटीसी, वाराणसी जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन बधाई के पात्र हैं।
प्रत्येक वर्ष होने चाहिए ऐसे कार्यक्रम
संवाद के दौरान काशी-तमिल संगमम् में आये प्रतिनिधियों ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि उन्हें काशी में आश्चर्यजनक एवं अविस्मरणीय अनुभव हुआ है। इससे उत्तर और दक्षिण भारत का अभूतपूर्व संगम हुआ है। एक अन्य प्रतिनिधि ने सुझाव दिया कि जो अनुभव हमें यहां से मिला है करोड़ों खर्च करने के बाद भी नहीं मिल सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस तरह के संगमम् सरीखे कार्यक्रम हर वर्ष होने चाहिए। इससे भारत की विविधता एवं सांस्कृतिक विरासत और समृद्ध होगी।
ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर महाप्रबंधक बरेका अंजली गोयल, महाप्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे सी.वी. रमण, महाप्रबंधक उत्तर रेलवे आशुतोष गंगल, प्रबंधक आईआरसीटीसी रजनी हसीजा, भाजपा विधायक सौरभ श्रीवास्तव आदि भी मौजूद रहे।