शीतकाल के लिए केदारनाथ के कपाट बंद, बाबा केदार की डोली उखीमठ के लिए प्रस्थान

कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हुई।

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भैयादूज के पावन अवसर पर 26 अक्टूबर को प्रात: 8 बजकर 30 मिनट पर ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गये। ढाई हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने और बाबा केदार की जयकार से पूरा धाम गुंजायमान रहा। भगवान केदार की पंचमुखी डोली उखीमठ के लिए प्रस्थान हो चुकी है।

सुबह 4 बजे से शुरू हुई विशेष पूजा
प्रात: तीन बजे केदारनाथ मंदिर खुल गया था। चार बजे से कपाट बंद करने की समाधि पूजन प्रक्रिया शुरू हो गयी। पुजारी टी गंगाधर लिंग ने भगवान केदारनाथ के स्वयंभू ज्योर्तिलिंग को श्रृंगार रूप से समाधि रूप दिया। ज्योर्तिलिंग को बाघंबर, भृंगराज फूल, भस्म, स्थानीय शुष्क फूलों-पत्तों आदि से ढंक दिया गया। इसके साथ ही भकुंट भैरवनाथ के आह्वान के साथ गर्भगृह तथा मुख्य द्वार को जिला प्रशासन की मौजूदगी में बंद किया गया। इसके साथ ही पूरब द्वार को भी सीलबंद किया गया।

मुख्यमंत्री ने जताया आभार
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों का आभार जताया। कहा कि इस बार चार धाम यात्रा में रिकार्ड पैंतालीस लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में नयी केदारपुरी अस्तित्व में आ चुकी है, जहां तीर्थयात्रियों को हरसंभव सुविधाएं मुहैया हो रही है। गौरीकुंड- केदारनाथ रोप वे के बनने से केदारनाथ यात्रा अधिक सुगम हो जायेगी।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो रही है। केदारनाथ धाम में भी रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे।

इस अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय, पंकज मोदी, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, जिला प्रशासन पुलिस के अधिकारी, केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त सचिव/ मंदिर समिति मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, यात्रा मजिस्ट्रेट गोपाल राम बिनवाल, तहसीलदार दीवान सिंह राणा कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला, केदारनाथ सभा अध्यक्ष विनोद शुक्ला, मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़, आदि मौजूद रहे।

बाबा केदार के उद्घोष से गुंजायमान रहा धाम
इस दौरान सेना की 11 मराठा लाइट इ़फ्रंट्री रूद्रप्रयाग के बैंड की भक्तिमय धुनों तथा बाबा केदार की जय के उद्घोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान रहा। मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सामूहिक सहयोग समन्वय से यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हुआ है। उन्होंने पर्यटन विभाग, धर्मस्व विभाग, प्रदेश सूचना विभाग सहित सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।

भगवान केदार की पंचमुखी डोली उखीमठ के लिए प्रस्थान
कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ के लिए प्रस्थान हुई। आज पंचमुखी डोली प्रथम पड़ाल रामपुर पहुंचेगी। कल 28 अक्टूबर शुक्रवार को देवडोली श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास करेगी तथा 29 अक्टूबर शनिवार को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसी के साथ इस वर्ष श्री केदारनाथ यात्रा का समापन हो जायेगा। अब पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजाएं शुरू हो जायेगी।

रिकॉर्ड संख्या में पहुंचे तीर्थयात्री
-इस वर्ष 1561882 तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। इस यात्रा वर्ष चार धाम यात्रा में रिकॉर्ड तैतालीस लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन को पहुंचे। हेमकुंट साहिब को मिलाकर यह संख्या पौने छयालीस लाख पहुंच गयी।

-श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि 19 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। जबकि श्री हेमकुंट साहिब-लक्ष्मण मंदिर के कपाट 10 अक्टूबर को बंद हो गये।

-द्वितीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 7 नवंबर तथा द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 18 नवंबर को बंद हो जायेंगे। इसी के साथ इस वर्ष की चार धाम यात्रा का सफल समापन हो जायेगा।

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