केरल पुलिस ने 6 मई को चर्च ऑफ साउथ इंडिया( सीएसएफ) दक्षिण केरल के बिशप फादर धर्मराज रसलाम समेत 400 पादरियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला पिछले महीने आयोजित एक कार्यक्रम में कोरोना के दिशानिर्देशों के उल्लंघ को लेकर दर्ज किया गया है।
पिछले महीने प्रदेश के इडुक्की जिले में हिल स्टेशन मुन्नार में एक धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस दौरान कोरोना के दिशानिर्देशों की जमकर धज्जियां उड़ाने का मामला प्रकाश में आया है। कार्यक्रम के आयोजन के बाद 100 पादरी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जबकि दो लोगों की मौत हो गई है।
पादरियों ने अधिकारियों पर लगाया आरोप
मामला प्रकाश में आने के बाद चर्च के पादरियों ने आरोप लगाया कि कार्यक्रम में शामिल नहीं होने पर अधिकारियों ने अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी थी। इसके बाद उन्हें मजबूरी में कार्यक्रम में शामिल होना पड़ा।
पुलिस का आरोप
पुलिस का कहना है कि संस्था द्वारा इस मामले को दबाने का प्रयास किया गया था, लेकिन बाद में उनके संक्रमण बढ़ने पर मामला प्रकाश में आ गया। फिलहाल संक्रमित पादरियों को केरल-तमिलनाडु की सीमा पर चलाए जा रहे मेडिकल कॉलेजों में भर्ती करा दिया गया है।
जांच के शिकायत दर्ज
इस बारे में राजस्व के अधिकारी ने कहा है कि मामले की जांच करने के बाद शिकायत दर्ज कराई गई है। जांच में पता चला है कि कार्यक्रम में करीब 450 पादरी शामिल हुए थे। जिला कलेक्टर एच. दिनेश ने बताया कि पुलिस को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया गया है।
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मुख्यमंत्री ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
इस घटना को राज्य के मुख्यमंत्र पिनराई विजयन ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी।
कोरोना रोधी नियमों का नहीं किया गया पालन
बताया जा रहा है कि कार्यक्रम के दौरान किसी ने भी मास्क नहीं पहना था और न सामाजिक दूरी का भी पालन किया गया। कार्यक्रम की मंजूरी इस शर्त पर काफी पहले दी गई थी कि वे कोरोना के सभी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।