मतदान में हिंसा के लिए चुनाव आयोग भी उत्तरदायी? उच्च न्यायालय का डंडा

पश्चिम बंगाल चुनाव में हिंसा साधारण बात है। इस पर न्याय की आस में न्यायालय में याचिका दायर की गई थी।

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पश्चिम बंगाल में 27 फरवरी को संपन्न नगरपालिका चुनाव के दौरान व्यापक हिंसा को लेकर दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने केंद्रीय चुनाव आयोग को भी पार्टी बनाने का निर्देश दिया है।

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की खंडपीठ में सुनवाई हुई। उन्होंने कहा कि इस संबंध में केंद्रीय चुनाव आयोग को भी शामिल किया जाना जरूरी है ताकि चुनावी नियमों और प्रावधानों के बारे में स्थिति स्पष्ट हो सके। उन्होंने 11 मार्च को मामले की अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है।

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उल्लेखनीय है कि चुनाव से पहले केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी लेकिन कोर्ट ने केंद्रीय बलों की तैनाती का फैसला राज्य चुनाव आयोग पर छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि अगर हिंसा होगी तो इसकी जिम्मेदारी राज्य चुनाव आयोग की होगी। गत रविवार यानी 27 फरवरी को जिस दिन मतदान हुए थे उस दिन राज्य भर में व्यापक हिंसा हुई थी, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर कोर्ट का ध्यान इस ओर आकर्षित कर मामले में संज्ञान लेने को कहा था। उसी पर सोमवार को सुनवाई हुई। अब केंद्रीय चुनाव आयोग के शामिल होने के बाद आगामी 11 मार्च को अगली सुनवाई होगी, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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