पश्चिम बंगाल की वैश्विक पहचान बन चुकी दुर्गा पूजा (Durga Puja) को लेकर यूनेस्को भी दिलचस्पी ले रहा है। इस बार दुर्गापूजा के बाद अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में बेहतरीन दुर्गा प्रतिमाओं और पूजा थीम की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके लिए यूनेस्को (UNESCO) ने ब्रिटिश काउंसिल के साथ हाथ मिलाया है, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार का संस्कृति व पर्यटन मंत्रालय भी मददगार बनेगा।
लगेगी प्रतीकात्मक प्रदर्शनी
काशी बोस लेन दुर्गा पूजा समिति के महासचिवों में से एक सोमेन दत्त ने बताया कि यूनेस्को की ओर से 24 ऐसी दुर्गा पूजा समितियों का चुनाव किया गया है, जो हर साल पूजा का शानदार आयोजन करती हैं। इन समितियां की ओर से इसबार आयोजित होने वाली पूजा के दौरान पंडाल, मूर्तियां और समग्र सजावट की अनूठी प्रतीकात्मक प्रदर्शनी लगाई जाएगी। यह 20 से 24 अक्टूबर के बीच कोलकाता (Kolkata) के टाउन हॉल में आयोजित होगी।
लाखों श्रद्धालु आते हैं प. बंगाल
दरअसल पांच दिवसीय दुर्गा पूजा कार्यक्रम 11 से 15 अक्टूबर के बीच आयोजित होना है। इसमें देश दुनिया से लाखों की संख्या में लोग दुर्गा पूजा घूमने के लिए प. बंगाल आते हैं। इस बार यूनेस्को ने जिन 24 पूजा समितियों का चुनाव किया है, उनमें दो घरेलू पूजा भी शामिल हैं।
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