लता मंगेशकर का असम से भी रहा खास नाता!

महान गायिका लता मंगेशकर ने दशकों तक अपनी आवाज के जादू से लोगों को मंत्र मुग्ध करती रहीं। उन्होंने 36 से अधिक भाषाओं में गाकर इतिहास रच दिया।

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भारत रत्न और स्वर कोकिला लता मंगेशकर ने आज देश को रुलाते हुए इस दुनिया को अलविदा कह दिया। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का असम से खास रिश्ता रहा है।

सुधाकंठ भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका और लता मंगेशकर की जोड़ी ने कई सदाबहार असमिया गीतों में जान डाली। स्वर कोकिला की आवाज से सजे वे सभी गीत अमर हैं। लता मंगेशकर ने 1956 में डॉ. भूपेन हजारिका द्वारा निर्देशित फिल्म ‘एरा बाटर सूर’ में पहला असमिया गीत गाया था। गाना ‘जोनाकरे राति, असमिरे माटी’ गीत आज अमर हो गया है।
उन्होंने गोदावरी नेरे पाररे परा, रद पूवाबर कारने आदि कई ऐतिहासिक गीतों को अपनी आवाज दी। लता मंगेशकर के गाये ये गीत हर असमिया के दिलों में जगह बना चुके हैं।

इन फिल्मों के लिए गाए गाने
लता मंगेशकर ने डॉ. भूपेन हजारिका की संगीतबद्ध फिल्म ‘एराबटर सूर’ और फिल्म ‘सिराज (द्वितिय)’ के साथ-साथ दो अन्य असमिया फिल्मों ‘अपराजॉय’ और ‘पानी’ में सुधाकांत डॉ भूपेन हजारिका के संगीत निर्देशन में गीतों को अपनी आवाज दी। इसके अलावा असमिया गीतों के एलबम चयनिका में भी डॉ. हजारिका के साथ गीतों को महकाया। बता दें कि सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर ने 6 फऱवरी की सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 92 साल की उम्र में अंतिम सांस ली।

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