Literacy Week: मध्य प्रदेश में आज से शुरू होगा साक्षरता सप्ताह, जानें इसका महत्व

जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने बताया कि साक्षरता सप्ताह के दौरान प्रदेशभर में 2 सितम्बर को साक्षरता रैली आयोजित की जायेगी। रैली में विद्यालय, महाविद्यालय, नेहरू युवा केन्द्र, जन-अभियान परिषद, अक्षर साथियों, शिक्षकों, स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी।

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में रविवार (1 सितंबर) से साक्षरता सप्ताह (Literacy Week) मनाया जा रहा है। इसके लिये स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) ने व्यापक तैयारियाँ की हैं। साक्षरता सप्ताह के दौरान पहले दिन सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों (Government and Non-Government Schools) और महाविद्यालयों (Colleges) में साक्षरता के महत्व के बारे में जानकारी दी जायेगी। इसके साथ ही राज्य में संचालित उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के बारे में बताया जाएगा।

जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने बताया कि साक्षरता सप्ताह के दौरान प्रदेशभर में 2 सितम्बर को साक्षरता रैली आयोजित की जायेगी। रैली में विद्यालय, महाविद्यालय, नेहरू युवा केन्द्र, जन-अभियान परिषद, अक्षर साथियों, शिक्षकों, स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। तीन सितम्बर को सर्वे कार्य किया जायेगा। सर्वे के दौरान यदि किसी घर में सभी सदस्य साक्षर हैं, तो इसका प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा। साक्षर होने की स्थिति में घर के बाहर “सम्पूर्ण साक्षर परिवार’’ लिखा जायेगा। अक्षर साथी के घर की बाहरी दीवार पर “अक्षर साथी निवास’’ लिखा जायेगा। प्रत्येक शिक्षक की जवाबदारी तय की गई है कि वे छात्र-छात्राओं से समूह बनाकर कम से कम पांच घरों में साक्षरता संबंधी जानकारी एकत्र करें।

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साक्षरता सप्ताह के दौरान 4 सितम्बर को प्रत्येक ग्राम में शिक्षक द्वारा असाक्षर पंजी का संधारण किया जायेगा। सर्वे में पाये गये प्रत्येक असाक्षर को “ईच वन-टीच वन’’ के रूप में योजना तैयार की जायेगी। शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को विद्यालय, महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रमों में शिक्षकों द्वारा साक्षरता के महत्व और सभी के लिये शिक्षा पर परिचर्चा आयोजित की जायेगी। इसी दिन साक्षरता गीत, नाटकों एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से जानकारी दी जायेगी। सप्ताह के दौरान 6 सितम्बर को साक्षरता के महत्व पर प्रदेशभर में नारे लेखन, निबंध प्रतियोगिता, परिचर्चा का आयोजन किया जायेगा। सप्ताह में 7 सितम्बर को अक्षर साथी सर्वे में पहचाने गये असाक्षर साथियों से सम्पर्क करेंगे और उन्हें साक्षरता के महत्व के बारे में जानकारी देंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में अध्ययन केन्द्र पर ढोलक, मजीरों के साथ स्थानीय बोली में गीत गायन किया जायेगा।

साक्षरता सप्ताह के अंतिम दिन अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर जिला, विकासखण्ड, संकुल एवं ग्राम स्तर पर साक्षरता पर केन्द्रित कार्यक्रम होंगे। प्रत्येक विद्यालय में साक्षरता की शपथ कार्यक्रम, श्रेष्ठ कार्य करने वाले अक्षर साथियों का सम्मान और नव-साक्षरों को कार्यक्रम में आमंत्रित कर उनके जीवन में आये परिवर्तन के बारे में जन-समुदाय को जानकारी दी जायेगी।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में वर्ष 2030 तक सम्पूर्ण देश में शत-प्रतिशत साक्षरता दर का लक्ष्य प्राप्त करने का कार्यक्रम तय किया गया है। इसी मकसद से उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के वयस्क, जो औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाये हैं, उन्हें साक्षर करने का कार्य किया जा रहा है।

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