मथुरा में गिरिराज महाराज की परिक्रमा के कस्बा राधाकुंड में ज्येष्ठ पूर्णिमा के स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ के 15 दिन के लिए एकांतवास में चले जाने के बाद एक जुलाई को निकलने वाली रथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इसको लेकर विदेशी भक्त भगवान के रथ को साज-सज्जा करने में जुटे हुए हैं।
गौरतलब हो कि प्राचीन श्रीपाद रघुनाथ गोस्वामी गद्दी के अनुयायियों द्वारा भव्य रथ को खींचकर राधा-श्यामकुंड की परिक्रमा लगाई जाएगी। रथयात्रा महोत्सव में भाग लेने के लिए देशी-विदेशी भक्त आने लगे हैं।
विदेशी भक्तों में उत्साह
भगवान जगन्नाथ के रथ की पेंटिंग कर रहे साउथ अमेरिका निवासी सर्वशक्तिमान दास ने बताया कि स्वरूप दास महाराज के सानिध्य में सेवा का अवसर मिल रहा है। बेला रूस से आई विदेशी महिला तिलोत्तमा दासी ने बताया कि राधाकुंड की रथयात्रा में प्रत्येक वर्ष शामिल होती हैं। उनको जगन्नाथ के रथ की साज-सज्जा का अवसर मिला है।
भगवान जगन्नाथ के स्वास्थ्य का रखा जा रहा है ख्याल
गद्दीनशीन महंत केशव दास महाराज ने बताया कि ठंडे जल में स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ जाते हैं। इसके लिए 15 दिन तक उनका एकांत में उपचार किया जाता है। इस दौरान भगवान जगन्नाथ दर्शन नहीं देते हैं। भगवान की सेहत ठीक होने के बाद आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष द्वितीया को भव्य रथ में भगवान जगन्नाथ, दूसरे भाई बलराम व बहिन सुभद्रा को विराजमान कर खींचा जाता है। रथयात्रा के बाद सभी भक्तों को आम, केला, नारियल, सेव आदि फल का प्रसाद वितरित किया जाता है।