मध्य प्रदेश के दमोह में धर्मांतरण का एक बड़ा मामला सामने आया है। यह खुलासा उस समय हुआ, जब 13 नवंबर को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानून दमोह पहुंचे और कई स्थानों का उन्होंने आकस्मिक निरीक्षण किया।
जानकारी के अनुसार यहां तीन स्थानों पर अनियमितता और धर्मांतरण से जुड़े मामला सामने आए हैं। एक स्थान आरोपितों ने प्रियांक कानूनों एवं अधिकारियों को संस्था में प्रवेश करने से ही रोकने का पूरा प्रयास किया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार सिंह के निर्देश पर पुलिस ने मोर्चा संभाला, तब कहीं राष्ट्रीय आयोग एवं मध्य प्रदेश के अध्यक्ष संस्था में प्रवेश कर सके। जांच के दौरान जहां डिंडोरी से लाए गए एक बालक को पादरी बनाने के लिए प्रशिक्षण देने की जानकारी हुई। 45 से अधिक बच्चे ऐसे मिले, जिनका कोई पंजीयन नहीं था। यह सभी हिंदू धर्म के थे और एक मुस्लिम धर्म का था। संस्था का पंजीयन नहीं पाया गया और तीनों जगह भारी अनियमितता पाई गईं। महत्वपूर्ण बिंदु यह भी सामने आया कि जिला मुख्यालय पर जिम्मेदारी अधिकारियों की लापरवाही उजागर होने पर प्रियांक कानूनगो ने उनकी जमकर फटकार भी लगाई।
इसके बाद दमोह देहात थाना में उक्त मामले को लेकर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनों की शिकायत पर विवर्त लाल, ऑडी लाल, शीला लाल, मंजुला बर्ननिवास, विवेक लाल, जे के हेनरी, अरनिसट, ईजिला लाल एवं अजय लाल के विरुद्ध आईपीसी की धारा 370 किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण ) अधिनियम 2015 की धारा 42 और 75, मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 की धारा तीन एवं 5 के तहत प्रकरण दर्ज कराया गया है। इस मामले को लेकर हड़कंप मचा हुआ है पुलिस ने प्रकरण की जांच प्रारंभ कर दी है।
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