Mahakumbh: विश्व हिंदू परिषद महाकुंभ शिविर में विराट संत सम्मेलन का आयोजन हुआ। संत सम्मेलन में देश के कोने-कोने से सभी मत, पंथ, संप्रदाय के हजारों संत धर्माचार्यों ने हिन्दू समाज की एकजूटता का संदेश देते हुए जनसंख्या असंतुलन पर चिंता जाहिर की। संतों ने आहवान किया कि हर हिन्दू परिवार में कम से कम तीन बच्चों का जन्म हो।
संत सम्मेलन के मंच से देश भर में हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति, हिंदुओं की घटती जन्म दर से देश में हिंदू जनसंख्या का असंतुलन, हर हिंदू परिवार में कम से कम तीन बच्चों का जन्म हो ऐसा आह्वान हिंदू समाज के पूज्य संतों ने किया है।
सनातन की एकता का संदेश
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूज्य जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने अपने आशीर्वचन में कहा कि यह वही पुण्यभुमि है, जहां हिन्दू समाज के विषय में अनेक निर्णय इसी गंगा यमुना सरस्वती के पावन तट पर पूज्य संन्तो ने लिया है। इस मंच पर सभी सम्प्रदायों के धर्माचार्य एक साथ विराजमान होकर सनातन की एकता का संदेश पूरी दुनिया को दे रहे है।
दुनिया बन रही है साक्षी
गोरक्ष पीठाधीश्वर व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि भारत की सनातन परंपरा इस महाकुंभ नगर में दिख रही है जो पूरी दुनिया देख रही है। यह संदेश पूरे देश के लिए दिव्य होना चाहिए, जिसके लिए विश्व हिंदू परिषद का प्रयास अतुलनीय है। इस प्रयास का प्रतिफल आज इस विराट संत सम्मेलन के माध्यम से पूरी दुनिया देख रही है। जहां सभी मत पंथ संप्रदाय के धर्माचार्य एक साथ एक मंच पर विराजमान हैं। 1980 के बाद विश्व हिंदू परिषद ने अपने सभी अनेक संकल्प इसी पवित्र भूमि मां गंगा जमुना सरस्वती के पावन तट पर लिया है जो आज हमें मूर्त रूप में दिख रहा है। हम श्रद्धेय अशोक सिंघल को जो आज हम सबके बीच भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हैं, पर उनकी आत्मा यह देखकर प्रफुल्लित हो रहीं होगी। सनातन धर्म 500 वर्षों से जिस दृश्य के लिए प्रतीक्षारत था, वह सपना भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की जन्मस्थली पर दिव्य और भव्य रूप में रामलाल विराजमान है।
विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में संतों द्वारा हिंदू समाज के मार्गदर्शन के विषय में जो विचार आए, उन विषयों की चर्चा विहिप के केंद्रीय महामंत्री बजरंग लाल बंगड़ा ने की।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार सुनियोजित अत्याचार
बजरंग लाल बांगड़ा ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार सुनियोजित अत्याचार हो रहा है। भारत में भी कुछ तत्व हिंदुओं को बांग्लादेश जैसी स्थिति उत्पन्न करने की धमकी दे रहे हैं। देश में हिंदुओं को इस विषय पर गहन चिंतन करना चाहिए। वक्फ बोर्ड के निरंकुश व असीमित अधिकारों को सीमित करने के लिए केंद्र सरकार कानून सुधार अधिनियम ला रही हैं। इस पर सभी दलों के सांसदों का सहयोग होना चाहिए। सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण जैसे अनेक विषयों के संदर्भ में मार्गदर्शक मंडल की बैठक में चर्चा हुई थी।
उड़ीसा के प्रभाकर दास महाराज ने हिंदू समाज की एकता पर बल दिया। वहीं वाल्मीकि समाज से योगी उमेश नाथ महाराज ने अपने संबोधन में हिंदू समाज में घटती जनसंख्या के संबंध में बताया और यह निवेदन किया कि कि हिंदू समाज अपनी जनसंख्या को बढ़ाएं ।
ये संत रहे उपस्थित
संत सम्मेलन को महाराज जगद्गुरु रामानुजाचार्य, स्वामी वासुदेवाचार्य , महाराज युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि , आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी , भास्कर किशन गिरी , सगाधिकार जनार्दन देव गोस्वामी , भंते रिंगपोचे, विहिप के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक , नेपाल से पधारे स्वामी चूड़ामणि चतुभुजाचार्य , प्रभाकर दास, जत्थेदार हरजोत सिंह जी, निहंग भानपुरा शंकराचार्य ज्ञानानंद तीर्थ, त्रिपुरा से चित महाराज, गहरा- गुरु परंपरा से आचार्य स्वामी बब्रुवाहन महाराज ने अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन केंद्रीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया ।