महाराष्ट्र के मनमाड एसटी डिपो के 20 कर्मचारियों को हाल ही में मुंबई भेजा गया है। इनमें बस चालक और कंडक्टर शामिल हैं। इन कर्मचारियों को 8 दिनों के लिए प्रत्येक को मात्र 25 एमएल सैनिटाइजर दिय गया है। प्रशासन द्वारा इन कर्मचारियों को इतनी कम मात्रा में सैनिटाइजर दिया जाना उनकी अदूरदर्शिता को दर्शाता है।
बता दें कि मनमाड, नासिक जिले का तीसरा सबसे बड़ा शहर है। कोरोना संक्रमण के कारण एसटी की बसों के परिचालन काफी कम होने से यहां के एसटी डिपो कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं है। इस वजह से यहां के 20 चालक और कंडक्टरों को मुंबई भेजा गया है। इस सेवा के लिए उन्हें प्रोत्साहन भत्ता भी दिया जाता है। लेकिन 8 दिनों के लिए मात्र 25 एमएल सैनिटाइजर दिए जाने को लेकर चर्चा गरम है।
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मुंबई में दूसरी लहर का कहर जारी
बता दें कि पूरे महाराष्ट्र के साथ ही मुंबई में भी कोरोना की सुनामी जारी है। इस हालत में मुंबई में इससे बचाव के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना जरुरी है। इनमें मास्क लगाना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथ को बार-बार साबुन पानी से धोते रहना या सैनिटाइज करते रहना मुख्य रुप से शामिल हैं, लेकिन इतने कम सैनिटाइजर से आखिर ये 8 दिनों तक अपने हाथ को कैसे सैनिटाइज कर पाएंगे, यह सवाल पूछा जा रहा है।
एसटी कर्मचारी नाराज
प्रशासन की इस तरह के निर्णय को लेकर कर्मचारियों में घोर नाराजगी है। उनका कहना है कि प्रशासन को उनकी जरा भी परवाह नहीं है। आखिर हम इतने कम सैनिटाइजर में 8 दिन कैसे काम कर पाएंगे। इस संबंध में जब मनमाड एसटी डिपो के अधिकारियों से पूछा गया तो उन्होंने अपने हाथ खड़े कर दिए और कहा कि हमारे पास इतना ही स्टॉक है, इसलिए हम इस मामले में कुछ नहीं कर सकते। बता दें की अब तक कोरोना संक्रमण से 100 से ज्यादा कर्मचारियों की मौत हो चुकी है।