महाराष्ट्र की लगभग 20 हजार नर्सें अपनी मांगों को लेकर 26 मई से हड़ताल पर चली गई हैं। इससे सूबे के अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।
इस हड़ताल का कारण सरकार की उस घोषणा का विरोध है, जिसमें उसने नर्सिंग स्टाफ को बाहरी एजेंसी द्वारा आउटसोर्स करने की बात कही है। 13 अप्रैल को महाराष्ट्र सरकार ने कहा था कि राज्य भर की 4500 रिक्तियां भरने के लिए 1749 नर्सिंग स्टाफ को बाहर से हायर किया जाएगा।
नर्सिंग कोऑर्डिनेटिंग एसोसिएशन का आरोप
नर्सिंग कोऑर्डिनेटिंग एसोसिएशन की कार्यकारी अध्यक्ष हेमलता गजबे ने कहा कि अगर इस हड़ताल से कुछ नहीं निकला तो 28 मई से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू की जाएगी।
काम बंद के बाद भी नहीं सुलझा मामला
जानकारी के अनुसार राज्य भर की नर्सें अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कुछ दिनों से एक घंटे हर दिन काम बंद आंदोलन कर रही थीं। इसलिए 25 मई को स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने नर्सिंग कोऑर्डिनेटिंग असोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की लेकिन इसमें कोई परिणाम नहीं निकला।
25 मई की बैठक में नहीं हो सका निर्णय
नर्सिंग कोऑर्डिनेटिंग एसोसिएशन की कार्यकारी अध्यक्ष हेमलता गजबे ने कहा कि नर्सों की समस्याओं पर अभी तक राज्य के किसी भी मंत्री या अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। 25 मई को राज्य भर में नर्सों की एक घंटे की हड़ताल का तीसरा और अंतिम दिन था। लेकिन 25 मई को भी निदेशकों की बैठक में उनकी मांगों पर कोई समझौता नहीं हुआ, इसलिए अब नर्सों ने हड़ताल शुरू की है।