Maharashtra: छत्रपति शिवाजी महाराज मंदिर के लिए प्रति माह 50,000 रुपये देने का उपमुख्यमंत्री का आदेश!

क्रूर औरंगजेब की कब्र पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, वहीं छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए कम वित्तीय सहायता अन्यायपूर्ण है, हिंदू जनजागृति समिति के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से यह शिकायत की।

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क्रूर औरंगजेब की कब्र पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, वहीं छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए कम वित्तीय सहायता अन्यायपूर्ण है, हिंदू जनजागृति समिति के प्रतिनिधिमंडल ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से यह शिकायत की। इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए, शिंदे ने राजस्व विभाग के सचिव को शिवराजेश्वर मंदिर के लिए मासिक अनुदान को बढाकर 50,000 रुपये करने का प्रस्ताव तुरंत प्रस्तुत करने का लिखित आदेश दिया। इसके अलावा, उन्होंने सचिव को फोन कर यह सुनिश्चित किया कि मासिक अनुदान 250 रुपये से बढाकर 50,000 रुपये किया जाए। सरकार की मदद मिलने से पहले ही, शिंदे ने व्यक्तिगत रूप से मंदिर को 50,000 रुपये का दान देकर एक सराहनीय उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने मंदिर के लिए नियमित वित्तीय सहायता का भी आश्वासन दिया। हिंदू जनजागृति समिति ने इस सकारात्मक प्रतिक्रिया के लिए उनका आभार व्यक्त किया।

औरंगजेब की कब्र के लिए 2012 से ही दी जा रही है धनराशि
इस अवसर पर समिति की ओर से सतीश सोनार, रवि नलवाडे और नांदेड़ से शिवसेना के विधायक आनंद बोंडारकर उपस्थित थे। केंद्र में कांग्रेस शासन के दौरान, 2012 से ही औरंगजेब की कब्र के लिए धनराशि प्रदान की जा रही है। नवंबर 2023 तक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने उसकी कब्र की देखभाल पर 6.50 लाख रुपये से अधिक खर्च किए हैं। इतिसाह गवाहल है, औरंगजेब एक क्रूर आक्रमणकारी था, जिसने छत्रपति संभाजी महाराज को अमानवीय यातनाएं देकर उनकी नृशंस हत्या की। ऐसे आक्रमणकारी सम्मान के योग्य नहीं हैं और उनकी कब्र के रखरखाव पर धन खर्च करना महाराष्ट्र के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाता है। इसलिए समिति ने यह धनराशि बंद करने और छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए अधिक धनराशि आवंटित करने की मांग की।

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शिव भक्तों के लिए सिंधुदुर्ग किले का विकास करें!
छत्रपति राजाराम महाराज ने मालवन स्थित सिंधुदुर्ग किले में छत्रपति शिवाजी महाराज का एकमात्र प्राचीन मंदिर बनाया था। लाखों शिव भक्त और पर्यटक इस ऐतिहासिक स्थल का दौरा करते हैं। किले तक पहुंचने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है, इसलिए उचित सुविधाएं आवश्यक हैं। किला विशाल है और कई स्थानों पर घने पौधे और झाड़ियां उग आई हैं। वनस्पति साफ करना, किले का सौंदर्यीकरण करना, एक सुंदर बगीचा बनाना, पीने के पानी की व्यवस्था, शौचालय और मीठे पानी के कुएं का सौंदर्यीकरण करना जैसी कई आवश्यक विकास कार्य तत्काल पूरे किए जाने चाहिए। प्रतिनिधिमंडल ने इन मांगों को लेकर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को एक ज्ञापन सौंपा।

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