हड़ताल पर महाराष्ट्र के 18 लाख सरकारी कर्मचारी! जानिये, अस्पतालों और स्कूलों का कैसा है हाल

पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर 14 मार्च से बड़ी संख्या में राज्य सरकार, चतुर्थ श्रेणी चिकित्सक हड़ताल पर चले गए हैं।

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14 मार्च से प्रदेश के करीब 18 लाख सरकारी, अर्धसरकारी, शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए हैं। पुरानी पेंशन योजना को लागू करने के लिए कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। इस हड़ताल के कारण सरकारी अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, महानगरपालिका,जिला परिषद, तहसीलदार कार्यालय समेत कई सरकारी विभागों का कामकाज लगभग ठप हो गया है। इस दौरान नर्स, वार्ड बॉय और अन्य सरकारी कर्मचारी अपने कार्यालयों से बाहर निकल आए और नारेबाजी करने लगे। मुंबई, ठाणे, पुणे, संभाजीनगर, नागपुर समेत राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सर्जरी स्थगित कर दी गई है।

पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग
पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर 14 मार्च से बड़ी संख्या में राज्य सरकार, चतुर्थ श्रेणी चिकित्सक हड़ताल पर चले गए हैं। इन्होंने पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद ही काम पर आने का फैसला किया है। इस हड़ताल में नर्सों के साथ ही वार्ड बॉय के भी शामिल होने से सायन अस्पताल में सन्नाटा पसरा हुआ है। परिणामस्वरूप मरीजों को खासी परेशानी हो रही है। मुंबई के सायन समेत कई अस्पतालों में भी यही हाल देखने को मिल रहा है। पुणे के ससून अस्पताल की नर्सों ने भी हड़ताल में हिस्सा लिया है। यहां भी हड़ताल का पूरा-पूरा असर देखने को मिल रहा है।

क्या हैं कर्मचारियों की मांगें?
-नई पेंशन योजना को समाप्त करना

-लंबी सेवा संविदा कर्मियों को समान वेतन

-सभी रिक्त पदों को तत्काल भरा जाए

-अनुकंपा नियुक्ति बिना किसी शर्त के करें

-सभी भत्तों को केंद्र से मंजूरी दी जाए

-सेवानिवृत्ति की आयु 60 की जाए

-नई शिक्षा नीति को खत्म करो

-स्वास्थ्यकर्मियों की समस्याओं का तत्काल समाधान हो

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