महाराष्ट्र के पिंपरी चिंचवड़ शहर मेें बढ़ते अपराधों पर पुलिस नजर बनाये हुए है। दिन रात पेट्रोलिंग कर रही पुलिस अब तक कई शातिर अपराधियों को दबोचकर सलाखों के पीछे डाल चुकी है। अपराधियों में पढ़े-लिखे युवाओं का भी समावेश है। जिन हाथों की बदौलत लोगों ने बड़ी-बड़ी डिग्रियां हासिल की हैं, उन्हीं हाथों में अब हथकड़िया लग गई हैं। पुलिस ने 2 घटनाओं में ऐसे 10 पढ़े-लिखे युवा आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पहला मामले में चिंचवड़ पुलिस ने 6 ऐसे पढ़े-लिखे आरोपियों को दबोचा है, जो लोगों को पैसों का लालच देकर उनसे उनकी गाड़ियां किराए पर लेते थे और फिर किसी और को बेच देते थे। पुलिस ने इनके पास से कुल 16 कारें बरामद की हैं, जिनकी कीमत 1 करोड़ 20 लाख 20 हजार रूपए आंकी गई है।
पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने 2 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आरोपी कल्पेश पंगेकर और नमन सहानी अपने अन्य साथियों के साथ ऐसे लोगों की तलाश करते थे, जिन्हें पैसों की जरुरत है, और फिर उनके पास जो वाहन है, उसे लेकर उन्हें महीने का किराया देने का लालच देते थे। लेकिन बाद में वे ना तो किराया देते थे और ना ही वाहन लौटाते थे। बल्कि डरा-धमकाकर उन्हें चुप करा देते थे। सभी आरोपी उच्च शिक्षित हैं। आसानी से पैसे कमाने के लिए उन्होंने यह रास्ता अपनाया था।
दूसरी घटना में भोसरी एमआईडीसी पुलिस ने ग्रेजुएट अपराधियों को चोरी के मामले में गिरफ्तार किया है। आकाश बधे कंप्यूटर इंजिनियर है और बंगलोर मिलिट्री में उसका सिलेक्शन हुआ है। वहीं विलास मोरे ने बीए पास किया है। अक्षय जाधव आईटीआई की पढ़ाई कर मैकेनिकल की शिक्षा ले रहा है, जबकि ऋषिकेश पिंगले एक होटल में काम करता है। इन चारों आरोपियों ने पैसा कमाने और मौज-मस्ती के लिए वाहन चोरी का रास्ता अपनाया था। पुलिस ने इन आरोपियों को जाल बिछाकर गिरफ्तार किया और चारों आरोपियों से कुल 24 दोपहिया वाहन बरामद किए हैं।
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