कोरोना काल में ‘लाल परी’ खस्ताहाल! कर्मचारी संगठन ने की सरकार से ये मांग

पिछले 18 महीनों में एसटी के राजस्व में 4,500 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। इससे कुल 9,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

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कोरोना काल में आर्थिक तंगी से जूझ रहे एसटी महामंडल को संभालना मुश्किल हो गया है। इसे देखते हुए महाराष्ट्र एसटी कर्मचारी कांग्रेस के महासचिव श्रीरग बर्गे ने एसटी महामंडल राज्य सरकार का विभाग घोषित करने या एसटी को सरकार में विलय करने की मांग की है। वे महाराष्ट्र के कोल्हापुर में आयोजित एसटी कर्मचारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

एसटी सक्षम हो जाएगा
बर्गे का कहना है कि  एसटी महामंडल के विलय से सरकार को हर साल टैक्स में करीब 3,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। उन्होंने बसों की खरीद, जीर्णोद्धार, आधुनिकीकरण और बस स्टैंडों के नए निर्माण के लिए धन की तत्काल व्यवस्था करने की भी मांग की ताकि एसटी को धीरे-धीरे आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा सके।

वित्तीय सहायता की मांग
आर्थिक तंगी से जूझ रहे राज्य परिवहन महामंडल (एसटी) के लिए लॉकडाउन ने  संभलना मुश्किल कर दिया है। इसलिए राज्य सरकार को इसे  सरकार का एक विभाग घोषित करना चाहिए। इससे सरकार को हर साल यात्री टैक्स, टोल टैक्स, डीजल टैक्स जैसे विभिन्न टैक्सों से 3,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। एसटी को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए यह आवश्यक है। श्रीरंग बर्गे ने कहा कि एसटी की आर्थिक स्थिति जल्दी सुधरने की संभावना नहीं है।

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हर महीने 280 करोड़ दे सरकार
पिछले 18 महीनों में एसटी के राजस्व में 4,500 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। इससे कुल 9,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बैठक में मांग की गई कि कर्मचारियों के वेतन के लिए 280 करोड़ रुपये प्रति माह का भुगतान किया जाए।

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