देश के सभी राज्यों में सितंबर 2022 में एकत्र किए गए कुल जीएसटी राजस्व में महाराष्ट्र का हिस्सा सबसे अधिक है। महाराष्ट्र का योगदान 21,403 करोड़ रुपये है, इसके बाद कर्नाटक का योगदान 9,760 करोड़ रुपये, तमिलनाडु का 8,637 करोड़ रुपये, हरियाणा का 7,403 करोड़ रुपये और उत्तर प्रदेश का 7,004 करोड़ रुपये का है। सितंबर महीने में कुल जीएसटी संग्रह अब तक के महीनों में सबसे अधिक 1,47,686 करोड़ रुपये रहा। जिसमें से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का हिस्सा 1,05,615 करोड़ है। यह आंकड़ा सितंबर 2021 के मुकाबले 22 फीसदी ज्यादा है।
इस तरह रहा है जीएसटी राजस्व संग्रहण
सरकार ने आईजीएसटी से 31,880 करोड़ रुपये, एसजीएसटी के रूप में 27,403 करोड़ रुपये और सीजीएसटी से 27,403 करोड़ रुपये नियमित निपटान के आधार पर बरकरार रखे हैं। सितंबर महीने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों का जीएसटी संग्रह 57,151 रुपये (सीजीएसटी) और 59,216 रुपये (एसजीएसटी) है। सितंबर 2022 में राजस्व संग्रह पिछले साल सितंबर के महीने में जीएसटी राजस्व संग्रह की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है। इस महीने में माल के आयात से राजस्व पिछले साल की तुलना में 39 प्रतिशत अधिक था। जबकि, घरेलू लेनदेन से एकत्र राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 22% अधिक था।
लगातार आठवें महीने बढ़ोतरी जारी
यह लगातार आठवां महीना है, जब जीएसटी संग्रह अधिक रहा है और लगातार सात महीनों से जीएसटी राजस्व संग्रह 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। पिछले साल सितंबर से सितंबर 2022 तक जीएसटी संग्रह में 27 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अगस्त, 2022 में, देश भर में 7.7 करोड़ ई-वे बिल उत्पन्न हुए, जबकि जुलाई, 2022 में 7.5 करोड़ बिलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
एक दिन में 49,453 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह
इस महीने, 20 सितंबर को एक दिन में 49,453 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह देखा गया और दूसरा सबसे अधिक 8.77 लाख चालान का भुगतान किया गया। इससे पहले जुलाई माह में यानी वित्तीय वर्ष के लिए रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा एक ही दिन 20 जुलाई को सितंबर से अधिक यानी 9.58 लाख चालान (रसीद) से 57,846 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। इन चालानों की रिकॉर्ड संग्रहण का साफ मतलब है कि जीएसटीएन का जीएसटी पोर्टल अब सुचारू रूप से काम कर रहा है। सितंबर के महीने में एक और मील का पत्थर पार किया। इस महीने 30 सितंबर तक कुल 1.1 करोड़ ई-वे बिल और ई-चालान जनरेट किए गए। (इसमें 72.94 लाख ई-चालान और 37.74 लाख ई-वे बिल) है। अच्छी बात यह रही कि एनआईसी के पोर्टल पर इस काम में कोई बाधा नहीं आई।