पिछले साल कोरोना काल में लगभग सभी छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन के कारण पास होने के बाद, महाराष्ट्र बोर्ड ने इस साल पारंपरिक मोड में 10वीं कक्षा की परीक्षा के परिणाम घोषित किए। इस साल राज्य का रिजल्ट 93.83 प्रतिशत रहा है। पिछले साल की तुलना में इस साल के रिजल्ट में 3.11 फीसदी की कमी आई है। इसके साथ ही मार्च 2020 के रिजल्ट की तुलना में इस साल के रिजल्ट में 1.47 प्रतिशत की कमी आई है।
संवाददाता सम्मेलन में परिणाम की घोषणा
महाराष्ट्र बोर्ड के अध्यक्ष शरद गोसावी ने एक संवाददाता सम्मेलन में परिणाम की घोषणा की। बोर्ड सचिव डॉ. अशोक भोसले इस मौके पर मौजूद रहे।
आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर घोषित किया गया था परिणाम
कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते पिछले साल बिना परीक्षा के छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन के बाद परिणाम घोषित किया गया था। इस साल परीक्षा होगी या नहीं, इस पर संशय था। हालांकि, कोरोना के मामलों में कमी के कारण, राज्य बोर्ड ने पारंपरिक ऑफ़लाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने की भूमिका निभाते हुए परीक्षा की योजना बनाई। साथ ही छात्रों की सुविधा के लिए स्कूल में परीक्षा केंद्र, आधे घंटे का अतिरिक्त समय, 75 फीसदी सिलेबस पर परीक्षा जैसे कई उपाय किए गए।
कोकण मंडल ने मारी बाजी
इस साल के रिजल्ट में कोंकण मंडल का रिजल्ट सबसे ज्यादा 98.11 फीसदी रहा है, जबकि नागपुर मंडल का रिजल्ट सबसे कम 92.05 फीसदी रहा है। 151 छात्रों को शत प्रतिशत अंक मिले हैं। 66 हजार छात्रों ने 90 फीसदी से ज्यादा अंक हासिल किए हैं, तो 1 लाख 9 हजार 344 छात्रों को 85 से 90 प्रतिशत अंक मिले हैं।
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परीक्षा के दौरान स्थिति थी काफी चुनौतीपूर्ण
हालांकि 10वीं कक्षा की परीक्षा के दौरान कोरोना वायरस का प्रकोप कम हो गया था, लेकिन स्थिति चुनौतीपूर्ण थी। यह महत्वपूर्ण था कि छात्र इस चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करते हुए परीक्षा पास करें। सभी संस्थाओं के सहयोग से 10वीं की परीक्षा का आयोजन संभव हो सका। अगली परीक्षा पूर्ण पाठ्यक्रम और पारंपरिक पद्धति से आयोजित की जाएगी। बोर्ड ने यह घोषणा की है।
एक नजर में परिणाम
नामांकित नियमित छात्र-15 लाख 41 हजार 666
परीक्षा में शामिल होने वाले नियमित छात्र- 15 लाख 29 हजार 96
उत्तीर्ण नियमित छात्र- 14 लाख 34 हजार 898