महाराष्ट्र राज्य बोर्ड के अध्यक्ष शरद गोसावी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट किया है कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन आयोजित की जाएगी यानी छात्र स्कूल में जाकर परीक्षा दे सकेंगे। प्रधानाध्यापकों और विषय वस्तु विशेषज्ञों से परामर्श के बाद निर्णय लिया गया है कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा ऑफलाइन होगी।
बोर्ड की प्रेस कॉन्फ्रेंस के अनुसार 10वीं और 12वीं की परीक्षा ऑफलाइन होगी। साथ ही कोरोना काल में परीक्षार्थियों को कुछ रियायतें दी गई हैं। 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं घोषित कार्यक्रम के अनुसार होंगी। बोर्ड ने यह भी कहा कि बच्चों को पढ़ने के लिए अधिक समय देने हेतु इस साल परीक्षाएं पहले ही 15 दिन देरी से निर्धारित की गई थीं।
बोर्ड ने कहाः
10वीं की परीक्षा 1 मार्च को होती है, लेकिन इस साल हमने पहले इसे 15 मार्च को लेने का फैसला किया है। कम से कम 40 प्रतिशत सिलेबस की प्रायोगिक परीक्षा होगी। 10वीं कक्षा के लिए व्यावहारिक परीक्षा 40 प्रतिशत पाठ्यक्रम पर आधारित है। बिना बाहरी परीक्षक की नियुक्ति के उसी स्कूल से परीक्षक की नियुक्ति की जाएगी। प्रत्येक केंद्र पर एक विशेष कक्ष स्थापित किया जाएगा। शरद गोसावी ने कहा कि परीक्षा समय पर ऑफलाइन आयोजित की जाएगी।
महाराष्ट्र में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं ऑफलाइन आयोजित की जाएंगी। ये परीक्षाएं तय कार्यक्रम के अनुसार होंगी। यह जानकारी महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन के अध्यक्ष शरद गोसावी ने दी है। @EduMinOfIndia @mybmcedu @samant_uday @CMOMaharashtra pic.twitter.com/JH9N6CZcVA
— Hindusthan Post (@HindusthanPostH) February 3, 2022
प्रेस कांफ्रेंस की कुछ अहम बातें
- 10वीं की परीक्षा 15 मार्च से 4 अप्रैल तक होगी।
- यदि किसी कारण से बच्चे दिए गए कार्यक्रम में प्रायोगिक परीक्षा नहीं दे पाते हैं तो उन्हें 31 मार्च से 18 अप्रैल तक परीक्षा देने का अवसर दिया जाएगा।
- छात्रों को 10 मिनट पहले प्रश्न पत्र दिया जाएगा
- 40-60 अंक की परीक्षा के लिए 15 मिनट बढ़ाए गए हैं।
- साथ ही 70 से 100 अंक के पेपर के लिए 30 मिनट बढ़ाए गए हैं।
- परीक्षा के लिए एक कक्षा में 26 छात्रों को बैठाया जाएगा। परीक्षा कोरोना नियमों का पालन करते हुए कराई जाएगी।
- अगर छात्रों को स्वास्थ्य कारणों से परेशानी होती है तो उन्हें अलग कमरे में रखा जाएगा। साथ ही उनके स्वास्थ्य का भी ठीक से ध्यान रखा जाएगा।
- छात्रों के लिए बेहतर माहौल प्रदान करने के लिए उनके अपने स्कूलों या कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं
- जिन स्कूलों या कॉलेजों में 15 से कम छात्र परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे, वहां के बच्चों को निकटतम परीक्षा केंद्र पर भेजा जाएगा।
- साथ ही उसी स्कूल या कॉलेज के शिक्षकों को परीक्षा कक्षाओं में परीक्षक के रूप में नियुक्त किया जाएगा।