बिल्डरों से घर खरीदने वाले खरीदारों के साथ वादाखिलाफी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ महाराष्ट्र रियल इस्टेट नियामक प्राधिकरण (महारेरा) ने वसूली अभियान चलाते हुए पुणे, रायगढ़ ,मुंबई शहर और बाहरी शहर के बिल्डरों से 100 करोड़ 56 लाख रुपए की राशि रेरा ने अब तक वसूल कर ली है। यह राशि मकान खरीदारों को जिला कलेक्टर कार्यालय से लौटाई जाएगी।
रेरा ने अब तक 118 मामलों में यह कार्रवाई करते हुए पुणे जिले से 33 मामलों के तहत 32 करोड़ 76 लाख रुपए, मुंबई शहर के 3 मामलों में 11.42 करोड़ रुपए, मुंबई उपनगर के 80 मामलों में 55.57 करोड़ रुपए की वसूला है।
जिला कलेक्टर कार्यालय से लौटाए जाएंगे रुपए
ग्राहकों को बिल्डरों के पास अटके पैसे जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त होंगे। रेरा अधिकारी के अनुसार, रेरा द्वारा वॉरंट जारी करने के बाद वसूली की प्रक्रिया को जिलाधिकारी द्वारा अंजाम दिया जाता है। वॉरंट में बिल्डर के साथ ही ग्राहक का भी पूरा विवरण होता है। जिलाधिकारी कार्यालय ग्राहकों से संपर्क कर उनके पैसे लौटाएगा साथ ही घर खरीदार भी जिलाधिकारी से संपर्क कर अपनी राशि प्राप्त कर सकेंगे।
कार्रवाई का लेखाजोखा
घर की बुकिंग के दौरान बिल्डर ग्राहक से जो वादा करता है, उसे पूरा करना बिल्डर के लिए अनिवार्य होता है। वादा पूरा नहीं होने पर ग्राहक बिल्डर के खिलाफ समय पर घर का पजेशन नहीं देने, परियजोना का काम बीच में रोकने समेत अन्य शिकायतें रेरा में दर्ज करवा सकते हैं। ग्राहकों की शिकायतों पर रेरा में सुनवाई होती है। सुनवाई के बाद ग्राहक का नुकसान पूरा करने का समय बिल्डर को दिया जाता है। निर्धारित समय में बिल्डर द्वारा रकम जमा नहीं करने पर वसूली करने में जिलाधिकारी की अहम भूमिका होती है। इस कारण वसूली के लिए रेरा की तरफ से जिलाधिकारी को वसूली का वॉरंट भेजा जाता है।
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रेरा ने अब तक 594 वारंट जारी किए हैं
ग्राहकों को जल्द न्याय मिल सके, इसलिए रेरा द्वारा दिसंबर से मॉनिटरिंग सिस्टम को सक्रिय कर दिया है। इसके अंतर्गत अधिकारी उनकी तरफ से जारी वॉरंट पर जल्द कार्रवाई करवाने का प्रयास करते रहते हैं। करीब 100 करोड़ रुपए की वसूली के बाद रेरा के पास अब भी 476 मामलों में कार्रवाई होनी बाकी है। रेरा ने कुल 594 वॉरंट जारी किए हैं, इनमें से 118 मामलों की वसूली प्रक्रिया पूरी हो गई है।