महाराष्ट्र में महावितरण कर्मचारियों की हड़ताल का आखिरकार समाधान हो गया है। महावितरण के कर्मचारियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 3 जनवरी की आधी रात से 72 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था। इसके बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महावितरण के अधिकारियों की बैठक ली और हस्तक्षेप किया। आखिरकार कर्मचारियों ने हड़ताल वापस ले ली। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल वापस लेने से राज्य के नागरिकों को बड़ी राहत मिली है।
ये है हड़ताल क कारण
सह्याद्री गेस्ट हाउस में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, बिजली विभाग के अधिकारियों, महावितरण,प्रशासनिक विभागों के अधिकारियों और विभिन्न बिजली कर्मचारी संघों की बैठक हुई। फडणवीस के आश्वासन के बाद यूनियन के नेताओं नें संतुष्ट होकर हड़ताल वापस लेने की घोषणा की।
फडणवीस ने किया स्पष्ट
देवेंद्र फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार बिजली कंपनियों का निजीकरण नहीं करना चाहती है और राज्य सरकार अगले 3 साल में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। फडणवीस ने कहा कि सरकार यह रुख अपनाएगी कि उसके हित में फैसले राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा लिए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार संविदा कर्मचारियों की मांगों को लेकर सकारात्मक है।