महावितरण कंपनी के निजीकरण के खिलाफ कर्मचारियों ने तीन दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। राज्य सरकार ने हड़ताल पर जाने से पहले बिजली कर्मचारियों को मेस्मा के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी। इस बीच यदि कहीं पर भी तकनीकी खराबी आती है तो इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ सकता है।
तीन दिन की हड़ताल पर कर्मचारी
मंगलवार आधी रात से महावितरण, महानिर्मिती कंपनियों के अधिकारी व कर्मचारी तीन दिन की हड़ताल पर चले गए हैं। इससे पहले राज्य सरकार ने इन सभी संगठनों को नोटिस भेजा था, जिसमें हड़ताल पर जाने पर मेस्मा लगाने की बात कही गई है। राज्य सरकार ने यह भी अनुरोध किया था कि कर्मचारी हड़ताल पर न जाएं। सरकार के अनुरोध के बाद भी महावितरण के कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। अब चर्चा है कि इन सभी कर्मचारियों पर मेस्मा के तहत कार्रवाई हो सकती है।
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महावितरण कंपनी के कर्मचारियों ने निजीकरण के कदम के खिलाफ तीन दिन की हड़ताल का आह्वान किया था। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि अगर अडानी कंपनी को बिजली वितरण की अनुमति मिलती है, तो इससे कर्मचारियों और ग्राहकों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
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