प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 सितंबर को कहा कि भारत में चीतों की वापसी को लेकर 130 करोड़ देशवासी उत्साहित हैं। एक टास्क फोर्स चीतों की निगरानी करेगी, जिसके आधार पर तय किया जाएगा कि आप चीतों को कब देख सकते हैं। साथ ही उन्होंने लोगों से चीतों के नामकरण को लेकर सुझाव मांगे।
प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 93वें संस्करण में अपने विचार साझा कर रहे थे। मोदी ने कहा कि देश के कौने-कोने से लोगों ने भारत में चीतों के लौटने पर खुशी जताई है। 130 करोड़ भारतवासी खुश हैं और गर्व से भरे हैं। यह भारत का प्रकृति प्रेम है। इस बारे में लोगों का एक सामान्य सवाल यही है कि मोदी जी हमें चीतों को देखने का अवसर कब मिलेगा।
खास बातेंः
-उन्होंने कहा कि चीतों की निगरानी के लिए एक टास्क फोर्स बनी है, जो यह तय करेगी कि चीते यहां के माहौल में कितने घुल-मिल पाए हैं। इसी आधार पर कुछ महीने बाद कोई निर्णय लिया जाएगा। उसी के बाद लोग चीतों को देख पायेंगे। उल्लेखनीय है कि नामीबिया से भारत लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में रखा गया है।
-प्रधानमंत्री ने देशवासियों से चीतों के लिए चलाए जा रहे अभियान के नामकरण को लेकर सुझाव मांगे हैं। इस प्रतियोगिता का ईनाम चीता देखने का पहला मौका भी दिला सकता है। उन्होंने कहा कि माई गांव के प्लेटफार्म पर एक प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं लोगों से इस पर कुछ चीजें साझा करने का आग्रह करता हूं। चीतों को लेकर जो अभियान चला रहे हैं, आखिर उस अभियान का नाम क्या होना चाहिए। क्या हम इन सभी चीतों के नामकरण के बारे में सोच सकते हैं कि इनमें से हर एक को किस नाम से बुलाया जाए।
-उन्होंने कहा कि ये नामकरण अगर पारंपरिक हो तो काफी अच्छा रहेगा, क्योंकि अपने समाज और संस्कृति से जुड़ी हुई कोई भी चीज हमें सहज ही अपनी ओर आकर्षित करती है। इसके अलावा यह भी बताएं कि आखिर इंसानों को जानवरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे मौलिक कर्तव्यों में भी जानवरों के लिए सम्मान पर जोर दिया गया है।
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